पीएनबी महाघोटाले ने जहां देश को हिला कर रख दिया है. वहीं, केंद्र सरकार भी अब कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहती है. देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले में सीबीआई और ईडी लगातार छापेमारी कर रही हैं. देशभर में नीरव मोदी, मेहुल चौकसी के कई ठिकानों पर छापे मारे गए. सोमवार को सीबीआई ने पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस ब्रांच को सील कर दिया. साथ ही बैंक के बाहर नोटिस भी चस्पा कर दिया है. फिलहाल, अगले आदेश तक बैंक में कोई काम नहीं होगा. आम नागरिकों से लेकर बैंक कर्मचारियों तक के ब्रांच में जाने पर रोक लगा दी गई है. इस ब्रांच में जिसका भी खाता है वो फिलहाल कोई काम नहीं कर पाएगा.

ब्रैडी हाउस ब्रांच में जांच होगी

पीएनबी के ब्रैडी हाउस ब्रांच में जांच शुरू हो गई है. रविवार को ही सीबीआई की एक टीम ने कई दस्तावेजों को अपने कब्जे में लिया. वहीं, पीएनबी के अधिकारियों से भी पूछताछ की गई. इसके अलावा सीबीआई ने विपुल अंबानी और नीरव मोदी के स्टाफ से भी आठ घंटे पूछताछ की गई.

आपको बता दें, विपुल अंबानी का ताल्लुक धीरूभाई अंबानी परिवार से है. वह धीरूभाई अंबानी के छोटे भाई नटुभाई अंबानी के बेटे हैं और वह नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार के फाइनेंस डिपार्टमेंट के प्रेसिडेंट हैं. सीबीआई ने उन्हें कुछ दस्तावेजों के साथ दफ्तर बुलाया था.

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कमीशन राशि का होता था बंटवारा

सीबीआई ने पीएनबी के 11 अफसरों, विपुल अंबानी के अलावा गिरफ्तार गए पीएनबी के रिटायर्ड डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी समेत तीन आरोपियों से भी पूछताछ की. शेट्टी ने पूछताछ में खुलासा किया कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियों को फर्जी एलओयू जारी करने के लिए मोटा कमीशन मिलता था. इस कमीशन राशि का बंटवारा मुंबई की ब्रैडी हाऊस शाखा के घोटाले में लिप्त सभी कर्मचारी में होता था.

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