कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की वेबसाइट से पीएफधारकों के डाटा चोरी होने की खबरें हैं. हालांकि, संगठन इस बात से साफ इनकार कर रहा है कि कोई डाटा लीक हुआ है. दो दिन में दो बार ईपीएफओ इस मामले में सफाई दे चुका है. लेकिन, खतरा तो है. क्योंकि, बिना किसी गड़बड़ी के वेबसाइट को बंद नहीं किया जाता. सेवाएं नहीं रोकी जाती. ऐसे में 17 करोड़ मेंबर्स की पर्सनल डिटेल्स खतरे में है. साथ ही इन डिटेल्स का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है. खतरे में सिर्फ आधार नहीं है बल्कि डिटेल्स के जरिए पीएफ खाते से पैसा भी निकाला जा सकता है. आपके लिए यह जानना जरूरी है कि ईपीएफओ के डाटा बेस में आपकी जो डिटेल्स हैं उनके चोरी होने या लीक होने पर क्या नुकसान हो सकता है.

हैकिंग का खतरा

बैंकिंग एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डाटा लीक का सबसे बड़ा खतरा यह होता है कि आपकी पर्सनल डिटेल्स कई तरह के लोगों से शेयर होती है. ऐसे में आपके बैंक खाते और पीएफ खाते को हैक किया जा सकता है. आपके बैंक अकाउंट से पैसा निकाला जा सकता है. इसे एक तरह की फिशिंग कहते हैं. दरअसल, ईपीएफओ से डाटा लीक होने का मतलब है कि आपका पूरा केवाईसी (know your customer) डिटेल लीक हो जाना.

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खतरे में आधार

ईपीएफओ डाटा बेस में पीएफधारकों ने अपना आधार नंबर दर्ज कराया हुआ है. दरअसल, 2016 के बाद से औनलाइन पीएफ निकासी और पीएफ ट्रांसफर के लिए आपको अपने यूनीवर्सल अकाउंट नंबर से आधार को जोड़ना होता है. अब अगर मान लिया जाए कि पीएफ डाटा लीक हुआ है तो यह भी पक्का है कि आपका आधार भी सुरक्षित नहीं है. क्योंकि, आपके पीएफ डाटा के साथ आपके अकाउंट की डिटेल्स भी होती हैं, जिन्हें हासिल करने किसी भी हैकर के लिए मुमकिन है.

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