देश का सामान्य नागरिक भी विमान सेवा का लाभ ले, इस के लिए विमान किराया सामान्य स्तर पर लाया जाना आवश्यक है. भले ही आज बड़ी संख्या में लोग कम किराए वाली विमान सेवा का लाभ उठा रहे हैं लेकिन इसे और कम किया जाना चाहिए. साथ ही, यह भी सुनिश्चित होना चाहिए कि विमानन कंपनी के कर्मचारी यात्रियों के साथ सलीके से पेश आएं. इस के लिए कई प्रावधान करने जरूरी हैं.

बहरहाल, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमानन सेवा में बड़ा सुधार कर यात्रियों की सुविधा के लिए पैसेंजर चार्टर तैयार किया है. चार्टर में विमानन कंपनियों की मनमानी रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. चार्टर के मसौदे में कहा गया है कि यात्रियों को 24 घंटे के भीतर यात्रा टिकट रद्द करने पर शुल्क नहीं देना होगा.

हालांकि यह भी कहा गया है कि रद्दीकरण की स्थिति में यात्रियों से मूल किराया और ईंधन प्रभार से ज्यादा रद्दीकरण शुल्क नहीं जोड़ा जा सकता. इस का मतलब 24 घंटे के भीतर रद्द करने पर न्यूनतम शुल्क देना होगा लेकिन 96 घंटे के भीतर रद्दीकरण पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा.

यह स्पष्ट होना आवश्यक है कि न्यूनतम प्रभार किस स्तर पर लिया जाएगा. एयरलाइंस की गलती से उड़ान में देरी पर यात्रियों को हर्जाना मिलेगा. विमान कंपनी की गलती से यदि कनैक्ंिटग फ्लाइट छूटती है तो 5 हजार रुपए जुर्माना यात्री को मिलेगा. कनैक्टिंग फ्लाइट 4 से 12 घंटे देरी से चल रही है तो जुर्माना 10 हजार रुपए हो और 12 घंटे से ज्यादा की देरी हो तो जुर्माना 20 हजार रुपए देना पड़ेगा.

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