इनकम टैक्स फाइल (आईटीआर फौर्म) करने का नया फौर्म आ गया है. इसमें इंडिविजुअल टैक्स पेयर्स को उनकी सैलरी स्ट्रक्चर और प्रौपर्टी से होने वाली इनकम के बारे में भी जानकारी देनी होगी. इसके अलावा छोटे बिजनेस वालों को भी अपना गुड्स एंड सर्विस टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर (GSTIN) और GST के अंतर्गत ही टर्नओवर रिपोर्ट भी देनी होगी.

इसमें NRI के लिए सहूलियत दी गई हैं, वे अपने क्रेडिट और रिफंड के लिए विदेशी बैंक का अकाउंट नंबर दे सकते हैं. अभी तक केवल भारतीय बैंक का ही अकाउंट नंबर दे सकते थे. अभी NRI इनकम टैक्स रिटर्न फौर्म-1 से अपना इनकम टैक्स फाइल नहीं कर पाएंगे. अब यह फौर्म केवल भारत में रहने वालों के लिए ही होगा. अब NRI को ITR-2 फौर्म से अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा.

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वित्त वर्ष 2018-19 के आईटीआर फौर्म में सैलरी पाने वालों को अपना सैलरी ब्रेकअप बताना होगा. करदाताओं को फौर्म 16 के तहत दावा किए गए भत्ते के बारे में ब्योरा देना होगा, जिन्हें छूट नहीं है, लाभों का मूल्य, वेतन के बदले में लाभ और कटौती आदि का भी ब्योरा देना होगा. आमतौर पर, ये नियोक्ता द्वारा जारी फौर्म 16 में उपलब्ध हैं लेकिन कर रिटर्न में खुलासा नहीं करना पड़ता है. टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने एक बयान में बताया था कि एक पेज की आईटीआर या सहज फौर्म से 50 लाख रुपए तक की सैलरी इनकम और एक अपना घर वालों ने टैक्स दिया था. पिछले साल 3 करोड़ करदाताओं ने इस फौर्म को भरा था.

इसके अलावा इसमें नोटबंदी के तुरंत बाद खाते में जमा किए गए पैसे की भी जानकारी देन होगी. इसके अलावा सरकार की अनुमानित कराधान योजना के अंतर्गत भुगतान करने वाले लोगों को अपने जीएसटीआईएन और जीएसटी के तहत दर्ज टर्नओवर का विवरण देना होगा, क्योंकि सरकार इन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर आंकड़ों को जोड़कर इन संस्थाओं के बीच कर चोरी की जांच कर रही है.

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