राष्‍ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में अब बैंक खाता व मोबाइल नंबर देना अनिवार्य कर दिया गया है. पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण ने यह प्रावधान किया है. इसके साथ ही प्रिवेंशन औफ मनी लौन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के दिशानिर्देशों के तहत पीएफआरडीए ने नए और मौजूदा सब्सक्राइबर्स के लिए विदेशी खाता कर अनुपालन कानून (एफएटीसीए) और सेंट्रल रजिस्ट्री औफ सिक्योरिटाइजेशन एसेट रिकंस्ट्रक्शन एंड सिक्टोरिटी इंटरेस्ट (सीईआरएसएआई) अनिवार्य कर दिया है. प्राधिकरण ने समय-समय पर एनपीएस की परिचालन संबंधी दिक्‍कतों को सुधारने और सरल बनाने के लिए कई तरह की पहल की हैं। जैसा कि एनपीसी आर्किटेक्चर के तहत न्यू फंक्शनैलिटी डेवेलप्मेंट, खाता खोलने का सरलीकरण, निकासी और शिकायत निवारण प्रबंधन आदि.

सब्सक्राइबर की सहूलियत के लिए किया बदलाव

वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि प्राधिकरण की ओर से फैसला लिया गया है कि सब्सक्राइबर की सहूलियत के लिए और एनपीएस से बिना किसी दिक्कत के बाहर निकलने के लिए बैंक खाता जानकारी और मोबाइल डिटेल देना अनिवार्य है. यह नए सब्सक्राइबर्स की ओर से न्यू कौमन सब्सक्राइब रजिस्ट्रेशन फौर्म (सीएसआरएफ) में भरना जरूरी है. मौजूदा सब्सक्राइबर्स को अपने लौगइन (www.cra-nsdl.com or https://enps.karvy.com/Login/Login ) में औनलाइन एफएटीसीए सेल्फ सर्टिफिकेशन जमा करने की सुविधा दी हुई है. यह जानकारी भी मंत्रालय ने ही मुहैया कराई है. अपने फौर्म को रिजेक्ट होने से बचाने के लिए सब्सक्राइबर्स के लिए इन सभी कौलम को भरना जरूरी है. साथ ही उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि ये कौलम खाली न छूटे.

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राष्‍ट्रीय पेंशन योजना में 1.8 करोड़ सब्‍सक्राइबर

एनपीएस के तहत लगभग 1.8 करोड़ सब्सक्राइबर आते हैं. इसकी शुरुआत 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए हुई थी. 2009 में इसे सरकार ने आम लोगों के लिए खोल दिया. सरकार ने पहली जनवरी 2004 के बाद सरकारी नौकरी में आने वाले सभी कर्मचारियों के लिए एनपीएस की सदस्यता अनिवार्य कर दी थी. केवल सैन्य बलों को ही एनपीएस से छूट है. इसके तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते से एक निश्चित राशि पेंशन के लिए योगदान करते हैं, इतनी ही राशि सरकार कर्मचारी के पेंशन फंड में जमा करती है. वहीं, निजी क्षेत्र खासकर कमजोर वर्ग के लोगों के लिए सरकार ने अटल पेंशन योजना शुरू की है.

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