आपका खाता निजी बैंक में हो या सरकारी में आपको कुछ बाते ध्यान में रखने और सतर्क रहने की जरूरत है. ज्यादातर जगहों पर आपको अपने बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य होता है. यह दर आपके खातों और बैंकों के मुताबिक अलग-अलग होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ बैंक आप से खाते में न्यूनतम बैलेंस दर के नाम पर अनुचित शुल्क वसूल रहे हैं.

मौजूदा समय में भारतीय स्टेट बैंक न्यूनतम बैलेंस न रखने पर 24.96 फीसदी का जुर्माना लगाता है. कहीं आपका बैंक भी आप से अनुचित चार्ज तो नहीं वसूल रहा, इसको लेकर सतर्क रहें.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (आईआईटी-मुंबई) के एक प्रोफेसर ने यह दावा किया है कि देश के कुछ प्रमुख निजी और सरकारी बैंक अपने ग्राहकों से खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने के नाम पर अनुचित शुल्क वसूल रहे हैं. कुछ बैंक औसतन 78 फीसदी का वार्षिक जुर्माना लगा रहे हैं तो वहीं कुछ बैंक अपने ग्राहकों पर 100 फीसदी से ज्यादा का सालाना जुर्माना भी लगा रहे हैं. ये बैंक ऐसा कर आरबीआई की तरफ से न्यूनतम बैलेंस के लिए तय मानकों की दज्ज‍ियां उड़ा रहे हैं.

न्यूनतम बैलेंस को लेकर आरबीआई ने साफ किया है कि न्यूनतम बैलेंस न रखने पर बैंक जो चार्ज लगा रहे हैं, वे किफायती हों. ये चार्ज सेवा मुहैया करने के लिए लगने वाली लागत से ज्यादा न हो.

इन बातों का खयाल रखें

हमेशा ये जानकारी जरूर रखें कि आपको अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस रखना है कि नहीं. अगर नहीं, तो आप से किसी भी तरह का चार्ज इसके लिए नहीं वसूला जा सकता और अगर ऐसा है तो तुरन्त इसकी शिकायत करें.

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