सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों के 10 लाख से ज्यादा कर्मी 30 मई से 48 घंटों की हड़ताल पर जा रहे हैं. औल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने यह जानकारी जाहिर की है. यूनाइटेड फोरम औफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) की प्रस्तावित हड़ताल 30 मई को सुबह छह बजे शुरू होगी और एक जून को सुबह छह बजे तक चलेगी. बैंककर्मी वेतन संशोधन जल्द करने की मांग कर रहे हैं. उनका वेतन संशोधन एक नवंबर, 2017 को ही किया जाना था.

वेतन संशोधन पर हुई मीटिंग असफल रही

एआईबीईए के महासचिव सीएच वेकंटचलम ने बताया, 'हड़ताल का नोटिस बैंक प्रबंधन की प्रतिनिधि संस्था, इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) और मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय), नई दिल्ली को दे दिया गया है.' यूबीएफयू बैंकिंग क्षेत्र की 9 यूनियनों की एक नेतृत्वकारी संस्था है, जो बैंककर्मियों और अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करती है. यूएफबीयू और आईबीए के बीच वेतन संशोधन को लेकर मुंबई में 5 मई को हुई बैठक असफल रही थी.

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वेतन बिल पर 2 फीसदी की वृद्धि की पेशकश

वेंकटचलम ने कहा कि आईबीए ने 31 मार्च, 2017 को बैंकों के कुल वेतन बिल पर 2 फीसदी की वृद्धि की पेशकश की थी, जबकि पिछले 10वें उभयपक्षीय मजदूरी निपटारे में, जो एक नवंबर, 2012 से प्रभावी था, आईबीए कुल वेतन बिल में 15 फीसदी की वृद्धि करने पर सहमत हुआ था. वेंकटचलम ने कहा कि यूनियनों ने आईबीए के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने आईबीए से एक नवंबर, 2017 से पहले वेतन संशोधन समझौते को पूरा करने के लिए कहा था, लेकिन इसमें देरी हो रही है.

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