आधार यानी विशिष्ट पहचान पत्र के लागू होने और विभिन्न सेवाओं को उस से जोड़े जाने से पारदर्शिता को बढ़ावा मिला है. उस से फर्जी दस्तावेजों तथा एक ही तरह के दस्तावेजों से कई स्थानों पर लाभ लेने वालों पर लगाम लगी है. सरकार खुद मानती है कि उस का सब से बड़ा फायदा राशनकार्ड से गरीबों को मिलने वाले राशन के वितरण में हुआ है. राशनकार्डों के आधार से जुड़ने से करीब 15 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है. इस तरह के लाभ अन्य क्षेत्रों को भी हुए हैं.

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई के पूर्व अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने कहा है कि सरकार द्वारा सुविधाओं का फर्जी तौर पर लाभ उठाने वाले लोगों की आधार के जरिए पहचान होने और लाभार्थियों की सूची से उन्हें हटाने के कारण देश को करीब 585 अरब रुपए का फायदा हुआ है. उन्होंने दावा किया इस तरह से डिजिटल का प्रभावी इस्तेमाल कर के विकासशील देश विकास की लंबी छलांग लगा सकते हैं और फर्जी तंत्र को ध्वस्त किया जा सकता है.

देश में आधार को हर सेवा के लिए अनिवार्य बनाया जा रहा है और आधार कार्ड धारकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आधार कार्ड का सब से ज्यादा लाभ गरीबों को मिल रहा है. उन के हिस्से की सरकारी मदद को फर्जी तरीके से अर्जित करने वाले लोग आधार कार्ड के कारण लाइन से हट गए हैं.

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