बिटकौइन (Bitcoin) के बारे में तो आप जानते ही होंगे. पिछले करीब एक महीने से यह क्रिप्टो करेंसी हर घंटे बाजार में नए-नए रिकौर्ड कायम कर रही है.

इस डिजीटल करेंसी ने अपने निवेशकों को एक महीने के दौरान ही बड़ा रिटर्न दिया है. जिसके बाद निवेशकों में जबरदस्त उत्साह है. हालांकि बिटकौइन के ऊंचे स्तर पर जाने के दौरान रिजर्व बैंक औफ इंडिया ने भी इसमें निवेश करने वाले लोगों को चेतावनी जारी की थी. दूसरी तरफ आयकर विभाग ने बुधवार को देश मे प्रमुख बिटकौइन एक्सचेंजों में छापेमारी की.

इस कार्रवाई की भनक लगने के बाद बिटकौइन निवेशकों में खलबली बच गई थी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि कथित रूप से कर चोरी के मामले में यह कार्रवाई की गई. आयकर विभाग की बेंगलुरु की जांच इकाई की अगुवाई में विभाग की विभिन्न टीमों ने दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि और गुरुग्राम सहित 9 एक्सचेंज परिसरों में सर्वे का काम किया. यह कार्रवाई आयकर विभाग की धारा 133ए के तहत की गई. इस बीच निवेशकों में एक और डिजीटल करेंसी लिटकौइन (Litcoin) चर्चा का विषय बनी हुई है.

क्या है लिटकौइन

दरअसल लिटकौइन की शुरुआत अक्टूबर 2011 में चार्ली ली ने की थी. मीडिया रिपोटर्स में बताया जा रहा है चार्ली ली गूगल में भी काम कर चुके हैं. नवंबर 2013 में लिटकौइन का बाजार पूंजीकरण 1 बिलियन डौलर था, जो नवंबर 2017 में बढ़कर 4.6 बिलियन डौलर तक पहुंच गया. इस समय एक लिटकौइन की कीमत करीब 85 डौलर है. इसके बाद करीब एक महीने में लिटकौइन की कीमत बढ़कर 300 डौलर तक पहुंच गई. इस तरह इस क्रिप्टो करेंसी ने निवेशकों को करीब 250 फीसदी का रिटर्न मिला. इसके बाद निवेशकों का ध्यान बिटकौइन के साथ ही लिटकौइन पर टिक गया है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...