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बौलीवुड की पहली महिला सुपरस्टार श्रीदेवी का कल, 28 फरवरी को मुंबई के विलेपार्ले स्थित ‘विलेपार्ले सेवा समाज’ के शवदाह ग्रह में अंतिम संस्कार कर दिया. इससे पहले करोड़ों लोगों के दिलों में करीबन चालीस दशक तक राज करने वाली श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को उनकी पसंद की लाल रंग की बनारसी साड़ी, माथे पर लाल बिंदी, होठों पर लाल लिपिस्टिक से दुल्हन की तरह सजाया गया था. जबकि उनके आस पास के माहौल को मोगरे के सफेद फूलों से सजाया गया था. श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को जिस ट्रक से शवदाह गृह तक ले जाया गया, उसे भी मोगरे के फूलों से सजाया गया था.

24 फरवरी, शनिवार की देर रात दुबई के होटल जुमैरा इमीरात के वाशरूम में बाथटब के अंदर डूबने से 54 वर्ष की उम्र में श्रीदेवी का देहांत हो गया था. दुबई की कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद मंगलवार, देर रात श्रीदेवी का पार्थिव शरीर मुंबई पहुंचा था. पद्मश्री से सम्मानित श्रीदेवी को एक तरफ राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गयी, तो दूसरी तरफ कपूर परिवार ने उन्हे एक रानी की तरह अंतिम विदाई देने का काम किया.

13 अगस्त 1963 को शिवाकाशी, तमिलनाड़ु में जन्मी श्रीदेवी का असली नाम श्री अम्मा मंगर अप्पायन था. चार वर्ष की उम्र में उन्होने एक तमिल फिल्म में बाल कलाकार के रूप में अभिनय किया था, उस वक्त तक अभिनय को लेकर उनकी कोई समझ ही नहीं थी. क्योंकि दकियानूसी परिवार से संबंध रखने वाली श्रीदेवी के चाचा राजनेता,  उनके पिता वकील और मां गृहिणी थी. उसके बाद तेरह वर्ष की उम्र में वह नाटकीय घटनाक्रम के साथ तमिल फिल्म से जुड़ी. यानी कि श्रीदेवी के अभिनय करियर की शुरूआत 13 वर्ष की उम्र में हुआ था. फिर 1975 में हिंदी फिल्म ‘‘जूली’’ में भी बाल कलाकार के रूप में ही अभिनय किया.

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