वैसे तो जगजीत सिंह के जीवन से जुड़ी ऐसी बहुत सी बातें है जो शायद की आप जानते होंगे. आज हम आपको जगजीत सिंह के उन दिनों के बारे में बता रहे हैं जब उनके स्टेज पर आने से पहले ही बौलीवुड के जाने माने फिल्म डायरेक्टर सुभाष घई को भी लगा था कि आज जगजीत सिंह बुरी तरह फ्लौप होने वाले हैं. विश्वास नहीं होता ना? चलिए आज हम बताते हैं आखिर क्या था पूरा मामला.

दरअसल ये वाकया उन दिनों का है जब जगजीत सिंह को अपने कौलेज की तरफ से स्टेट लेवल के कौलेज यूथ फेस्टिवल में भाग लेने के लिए बेंगलुरु भेजा गया था. जगजीत सिंह पर किताब लिखने वाली सत्या सरन ने ‘बीबीसी’ को दिए इंटरव्यू में उनके बारे में कई बातें बताई जो कम ही लोग जानते हैं.

सत्या सरन का कहना है कि सुभाष घई ने मुझे बताया था. रात 11 बजे जगजीत का नंबर आया. माइक पर जब उद्घोषक ने घोषणा की कि पंजाब यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट शास्त्रीय संगीत गाएगा तो वहां मौजूद लोग जोर से हंसने लगे. उनके लिए पंजाब तो भंगड़ा के लिए जाना जाता था.

सत्या सरन को सुभाष घई ने बताया कि जगजीत के स्टेज पर आने से पहले ही बहरा कर देने वाला शोर होने लगा था, लोग सीटी बजा रहे थे और सुभाष घई को लगा की आज जगजीत बुरी तरह फ्लौप होने वाले हैं.

लेकिन कान फाड़ शोर के बीच जगजीत सिंह ने आंखें बंद कर अलाप लेना शुरू किया और तीस सैकेंड बाद मानों उनका जादू चल गया. लोग शांत होकर उन्हें सुन रहे थे. जल्द ही लोग बीच-बीच में तालियां बजाने लगे. आखिर में जब जगजीत सिंह ने गाना खत्म किया तो लोगों ने पूरे जोश के साथ बहुत देर तक तालियां बजाईं. सुभाष घई ने सरन से कहा कि उस वक्त उनकी आंखों में आंसू आ गए थे. यहां जगजीत सिंह को पहला पुरुस्कार मिला था.

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