रानी पद्मिनी पर बननेवाली फिल्म 'पद्मावती' को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. जहां एक ओर पद्मावती के सितारों और मेकर को कड़ी सुरक्षा दी गई है, वहीं लोगों में इसे लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है. बता दें कि 1540 में कवि मलिक मोहम्मद जायसी ने 'पद्मावत' लिखा, जिसमें बताया गया कि  खिलजी के आक्रमण के बाद रानी पद्मिनी ने जौहर किया था, इसके अलावा 1589 में हेमरतन की गौरा बादल की चौपाई में भी पद्मावती के जौहर की कहानी बताई गई है.

वहीं जब भंसाली ने अपनी फिल्म की कहानी में पद्मावती को नाचते हुए दिखाया, तो लोगों का आक्रोश फूट पड़ा. इसके बाद तो एक के बाद एक विवाद इस घटनाक्रम में जुड़ता ही चला गया. आइये जानते हैं क्या है ये पद्मावती विवाद.

थप्पड़ से शुरू हुआ किस्सा

27 जनवरी को जयपुर के जयगढ़ किले में जब पद्मावती की शूटिंग चल रही थी, तब करणी सेना ने वहां हमला बोल दिया था, जिसके बाद धक्का-मुक्की और मारपीट शुरू हो गई थी. बात यहां तक आ पहुंची कि डायरेक्टर भंसाली को मार खानी पड़ी.

आग के हवाले किया सेट

इस मारपीट के बाद जब संजय लीला भंसाली ने फिल्म की शूटिंग कोल्हापुर में शिफ्ट की, तो वहां भी उन्हें नहीं बक्शा गया और 14 मार्च की रात 40-50 लोगों की भीड़ ने पेट्रोल डालकर फिल्म का सेट जला दिया, जिसमें लाखों रुपयों का नुकसान हो गया.

स्टिंग ओपरेशन से हुआ खुलासा

26 सितंबर को एक न्यूज चैनल ने स्टिंग औपरेशन से पद्मावती को लेकर एक और खुलासा किया, इसमें श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी और मुंबई संयोजक उम्मेद सिंह को फिल्म का विरोध न करने की एवज में डेढ़ करोड़ रुपए मांगते दिखाया गया.

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