इंसान की मेहनत और प्रतिभा को ज्यादा दिन तक नजरंदाज नहीं किया जा सकता. तभी तो लंबे संघर्ष के बाद अब नवाजुद्दीन सिद्दिकी बौलीवुड के उन चंद नामचीन कलाकारों में से एक हैं, जिनकी अभिनय प्रतिभा का मुकाबला करने की ताकत बहुत कम कलाकारों में है. वह नित नए चुनौतीपूर्ण किरदारों को निभाते हुए अपनी छाप छोड़ते जा रहे हैं. इन दिनों एक तरफ वह 24 अगस्त को प्रदर्शित होने वाली अनिल शर्मा की फिल्म ‘‘जीनियस’’ को लेकर चर्चा में हैं, तो दूसरी तरफ वह सआदत हसन मंटों की बायोपिक फिल्म ‘‘मंटो’’ के अलावा बाला साहेब ठाकरे की बायोपिक फिल्म ‘‘ठाकरे’’ को लेकर भी चर्चा में हैं. इतना ही नहीं इन दिनों वह एक दो नहीं बल्कि चार रोमांटिक फिल्में भी कर रहे हैं.

फिल्म ‘‘जीनियस’’ में क्या कर रहे हैं?

यह एक साइंस फिक्शन के साथ साथ जासूसी वाली फिल्म है. इसमें एक्शन के साथ साथ देशभक्ति का तड़का भी हैं. इस फिल्म में नई अति आधुनिक तकनीक व गैजेट को भी कहानी का हिस्सा बनाया गया है. फिल्म में मैं और उत्कर्ष शर्मा दोनों ही जीनियस हैं. मेरे किरदार का नाम शाह है. हम दोनों ही वैज्ञानिक विकास के साथ उपलब्ध गैजेट का उपयोग करते हैं. दोनों बुद्धिमान हैं. पर दोनों के बीच टकराव है.

फिल्म ‘‘जीनियस’’ से फिल्म के निर्माता, लेखक व निर्देशक अनिल शर्मा के अपने बेटे उत्कर्ष शर्मा भी अभिनय करियर की शुरुआत कर रहे हैं. ऐसे में बेटे के चक्कर में उन्होंने आपके किरदार को कम अहमियत दी हो?

देखिए, अनिल शर्मा एक अनुभवी निर्देशक हैं. वह अपने बेटे को इस फिल्म से लांच कर रहे हैं. उन्हें बेहतर ढंग से पता हैं कि फिल्म सिर्फ उनके बेटे पर केंद्रित रही और बाकी किरदार कमजोर हुए, तो फिल्म तहस नहस हो जाएगी. अनिल शर्मा के लिए फिल्म की कहानी बहुत मायने रखती है. उन्होंने कहानी के अनुसार ही सारे किरदार गढ़े हैं. कहानी से इतर किसी भी किरदार को अहमियत नहीं दी गयी है. देखिए, फिल्म टीम वर्क होता है. कला एक इंसान के कंधे पर आगे नहीं बढ़ सकती. अनिल शर्मा इस फिल्म के हीरो के पिता होने के साथ साथ लेखक व निर्देशक भी हैं. उन्हें पता है कि फिल्म के लिए कहानी कितनी अहम होती है. इसलिए मुझे इस फिल्म को करने में कोई हिचक नहीं थी.

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