हर इंसान की चाहत होती है कि उसे उपहार मिले. मगर उपहार देने के बारे में बहुत कम लोग सोचते हैं. जबकि दक्षिण भारत में शोहरत बटोरने के बाद बौलीवुड में व्यस्त अदाकारा कृति खरबंदा का शौक ही है, लोगों को उपहार देना.

खुद कृति खरबंदा कहती हैं, ‘‘मुझे लोगों को उपहार देने का बड़ा शौक है. पर आज तक मुझे मेरे जैसे लोग नहीं मिले. जब मेरे दोस्त मेरे जन्मदिन पर सवाल करते हैं कि मुझे उपहार में क्या चाहिए तब मैं उनसे कहती हूं, बेशर्मों मुझे इतने वर्षों से जानते हो, पर तुम्हे यह नहीं पता कि मुझे क्या चाहिए जबकि मैं तुम लोगों का कितना ध्यान रखती हूं. इसी वजह से हर ब्वायफ्रेंड से मेरा ब्रेकअप हो जाता है क्योंकि लोग दूसरों को कुछ भी देना नहीं जानते. यहां लोग सिर्फ लेना चाहते हैं.’’

किस तरह के उपहार आप देना पसंद करती हैं?

यह तो इस बात पर निर्भर करता है कि दोस्त कौन है, उसकी पसंद नापसंद क्या है और अवसर क्या है.

आपको किसी को भी उपहार आदि देना अच्छा क्यों लगता है?

मुझे देना इसलिए अच्छा लगता है, क्योंकि एक वक्त वह भी था, जब मेरी इच्छाएं थी, मेरा मन होता था कि इस शख्स को यह चीज दी जाए, मगर तब मैं खुद इतना आर्थिक संकट से जूझ रही थी, कि कुछ नहीं कर पा रही थी. उस वक्त मुझे अपने आप पर, अपने हालात पर कोफ्त होती थी.

यह कब की बात है?

जब मैं स्कूल में थी, तब भी ऐसा हुआ और जब मैं अभिनेत्री बन गयी, तब भी ऐसा हुआ. जब मैं दसवीं कक्षा में पढ़ती थी, उन दिनों मेरी मम्मी मुझे जेब खर्च के लिए बीस रूपए दिया करती थी. तब अगर कभी ऐसा हुआ कि मेरी किसी दोस्त को भूख लगी है, तो मैं हमेशा उसके साथ होती थी. कई बार मैं पूरे बीस रूपए अपने दोस्त को दिए हैं. पैसा ऐसी चीज है, जिसे मैंने कभी पकड़ा नहीं. जबकि मुझे कमाने का बहुत शौक है. मैं पैसा सिर्फ अपने लिए नहीं कमाना चाहती. बल्कि लोगों की मदद के लिए कमाना चाहती थी और आज भी कमाना चाहती हूं. इसलिए जब मुझे मौका मिला, तो मैने लोगों की मदद करनी शुरू की. दूसरों की मदद कर मुझे काफी अच्छा लगता है. उस वक्त मुझे जो सुख मिलता है, उसे तो मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...