बौलीवुड में अभिनेत्री के तौर पर जो मुकाम, जो सुपर स्टारडम श्रीदेवी को मिला, वह किसी अन्य अभिनेत्री को नहीं मिल पाया. इसके बावजूद वह अपनी बेटी जान्हवी कपूर को फिल्मों/बौलीवुड से जुड़ने की इजाजत देने से पहले हिचकिचा रहीं थी. पर अंततः श्रीदेवी ने अपनी बेटी जान्हवी कपूर को अभिनय के क्षेत्र में उतरने की इजाजत दे दी थी. श्रीदेवी के सामने ही उनकी बेटी जान्हवी कपूर की पहली फिल्म ‘‘धड़क’’ की शूटिंग भी शुरू हो गयी थी. जान्हवी को फिल्मों से जुड़ने की इजाजत दिए जाने पर एक खास मुलाकात के दौरान श्रीदेवी ने हमसे कहा था- ‘‘मैं एक ही बात जानती हूं, ‘नो पेन नो गेन’. बिना दर्द सहे, कुछ भी नहीं मिलता. मेहनत तो करनी पड़ेगी. देखिए, यह मेरी बेटी की डेस्टिनी है कि उसे हीरोईन बनना है. शुरुआत में मेरे प्रोत्साहित ना करने के बावजूद हीरोईन बनने का उसका डेडीकेशन खत्म नहीं हुआ. मैंने अपनी तरफ से उनका ध्यान पढ़ाई की तरफ रखने की कोशिश की, लेकिन उनकी डेस्टिनी में फिल्म हीरोईन बनना लिखा है, तो घूम फिरकर वह वहीं आ गयीं.’’

हाल ही में जब जान्हवी कपूर से हमारी मुलाकात हुई, तो हमने उन्हें उनकी मम्मी की यह बात भी बतायी.

प्रस्तुत है जान्हवी कपूर से हुई बातचीत के अंश...

यूं तो आप सिनेमा से जुड़े परिवार से ही संबंध रखती हैं. पर आपके दिमाग में अभिनय को करियर बनाने की बात पहली बार कब आयी थी?

बचपन से ही मुझे अभिनय व फिल्मों का शौक रहा है. मैं बचपन से ही सिनेमा देखते हुए बड़ी हुई हूं. मुझे जिंदगी का नजरिया फिल्मों ने ही सिखाया है. पर बीच में मुझे लगा कि कुछ दूसरा काम करना चाहिए. इसलिए मैंने फैशन का कोर्स किया. लेकिन उसके बाद मुझे लगा कि अभिनय को ही करियर बनाना चाहिए.

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