सुपरस्टार रजनीकांत का आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं. सुपरस्टार रजनीकांत सिनेमा की दुनिया के जगमगाते सितारे हैं. रजनीकांत के फैंस उन्हें न सिर्फ पसंद करते हैं बल्कि उन्हें पूजते भी हैं. रजनीकांत को थलैवा के नाम से भी जाना जाता है, थलैवा का मतलब बौस, नेता इत्यादि होता है  लेकिन रजनीकांत के लिये इस शब्द का प्रयोग लोग उन्हे इज्जत देने के लिये करते है जैसे कि सर रजनीकांत. रजनीकांत आज इतने बड़े सुपरस्टार होने के बावजूद जमीन से जुड़े हुए हैं.

सुपरस्टार होने के बाद भी रजनीकांत एक आम व्यक्ति की तरह ही रहना पसंद करते हैं. उन्हें ये मुकाम ऐसे ही हासिल नहीं हुआ. साउथ के इस सुपरस्टार ने इसके लिए कड़ी मेहनत की है. रजनीकांत ने एक बढ़ई, बेंगलुरु परिवहन सेवा (बीटीएस) के एक मामूली बस कंडक्टर और कुली से सुपरस्टार बनने तक का सफर तय किया है.

रजनीकांत का जन्म बंगलुरु में 12 दिसंबर 1950 को हुआ. मां जीजाबाई और पिता रामोजी राव गायकवाड़ बचपन में उन्हें शिवाजी राव गायकवाड़ कहकर पुकारते थे. शिवाजी के पिता पेशे से एक हवलदार थे. वहीं 4 साल की उम्र में ही शिवाजी ने अपनी मां को खो दिया था. अपने भाई बहनों में रजनीकांत की सबसे छोटे थे. इस दौरान घर की माली हालत भी कुछ ठीक नहीं थी. परिवार में सबसे छोटे होने के बाद भी उन्होंने इस बारे में सोचा. इस दौरान उन्होंने कुली बन कर लोगों का सामान उठाने का काम भी किया.

रजनीकांत ने अपने करियर की शुरुआत पौराणिक कन्नड़ नाटकों से की थी. इस दौरान वह दुर्योधन बने थे. वहीं उनके जिगरी दोस्त राज बहादुर हमेशा उनके साथ रहते थे. वह अक्सर उन्हें इस क्षेत्र में बेहतर करने के लिए बढ़ावा देते रहते थे. इसके लिए उन्होंने रजनीकांत को मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लेने के लिए कहा.

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