भूमिका चाहे एक सीधे सादे ईमानदार व्यक्ति की हो या एक्शन हीरो या कौमेडियन की, हर किरदार में अपने आपको फिट बैठाने वाले और हिंदी सिनेमा जगत पर लम्बे समय तक राज करने वाले अभिनेता धर्मेन्द की शख्सियत अनूठी है. साल 1960 से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखने वाले धर्मेन्द्र ने करीब 200 फिल्मों में काम किया है. वे स्पष्टभाषी हैं और किसी बात को कभी भी कहने से हिचकिचाते नहीं हैं. फिर चाहे उनकी पहली शादी हो या प्यार, दोनों को उन्होंने सम्मान दिया है. 82 साल के धर्मेन्द्र आज भी अपने आपको जवां समझते हैं. उनके दिल में आज भी वही प्यार और रोमांस का दौर चलता है. अभी उनकी फिल्म ‘यमला पगला दीवाना फिर से’ रिलीज पर है जिसमें उन्होंने अपने दोनों बेटे सनी देओल और बौबी देओल के साथ काम किया है उनसे मिलकर बात करना रोचक था, पेश है अंश.
आप 50 सालों से अधिक समय इंडस्ट्री में बिता चुके हैं, आपके हिसाब से इंडस्ट्री का सुनहरा दौर कौन सा था?
हर दौर अच्छा है, क्योंकि मुझे फिल्मों से मोहब्बत है. आज का दौर भी अच्छा है उस समय भी कुछ अच्छा था और कुछ अच्छा नहीं था. ये सब दर्शकों पर निर्भर करता है, उस समय के दर्शक अलग थे आज अलग हैं और फिल्में भी उसी हिसाब से बन रही हैं. मुझे तो अभी भी लगता है कि कुछ और फिल्में मुझे करनी है, जिसके लिए मैं लगा हुआ हूं.
आप उस दौर की क्या चीज सबसे ज्यादा मिस करते हैं?
वे लोग, मेरे साथी और माहौल जैसा था, जिसमें शाम को यूनिट की टीम के साथ बैठकर भजिया और जलेबी खाना, बातचीत करना आदि सब याद आता है. आज कुछ लोग है और कुछ नहीं है. इसके अलावा जब हम सभी शूट करने जाते थे तो सारे यूनिट के लोग खुश हो जाते थे कि हमें काम के साथ-साथ एन्जौय करने का मौका मिलेगा. मैं एक माध्यम वर्गीय परिवार से आया था इसलिए उस माहौल को बहुत एन्जौय करता था. यूनिट में घर से बना खाना, जिसमें मेरी मां के हाथ का बना खाना भी होता था उन सभी को मिस करता हूं और उसे भूल नहीं सकता. मैं अभी भी वैसा ही हूं,जैसा सालों पहले था.