फिल्म ‘आमिर’ से कैरियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता राजीव खंडेलवाल राजस्थान के हैं. बचपन से ही अभिनय की इच्छा रखने वाले राजीव को कभी लगा नहीं था कि वे अभिनय के क्षेत्र में इतना आगे बढ़ जायेंगे. छोटे पर्दे पर वे काफी सफल रह चुके हैं. उनका पहला शो ‘क्या हादसा क्या हकीकत’ था, जिसमें दर्शकों ने उनके काम को काफी सराहा, इसके बाद आया मेजबानी वाला कार्यक्रम ‘सच का सामना’ जो काफी लोकप्रिय रहा, जिससे वे लोगों के बीच में पोपुलर हुए. उन्होंने केवल शो होस्ट ही नहीं किया बल्कि कई धारावाहिकों और फिल्मों में भी काम किया. वे काम की हड़बड़ी कभी नहीं करते और सोच समझकर काम चुनते हैं. उनके हिसाब से काम भले ही कम हो, पर उसकी पहुंच दर्शकों तक होनी चाहिए. यही वजह है कि उनके फैन फोलोवर्स आज भी बहुत अधिक हैं. उनके इस सफर में साथ दिया, उनकी पत्नी मंजरी काम्तिकर ने, जो हमेशा उन्हें सहयोग देती हैं. इस समय राजीव टीवी पर ‘जज्बात, संगीन से नमकीन तक’ में सूत्रधार का काम कर रहे हैं, जिसे लेकर वे बहुत खुश हैं. पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

इस कांसेप्ट को चुनने की वजह क्या है?

ये एक बहुत ही साधारण सी अवधारणा है, जो किसी व्यक्ति के दिल से जुडी हुई है. इसमें न तो ह्यूमर है और न ही कुछ बनावटी, यही बात मुझे अच्छी लगी थी. मैंने इसमें कुछ अधिक तैयारियां नहीं की है, क्योंकि जितना कम आप इस बारें में सोचेंगे, उतना ही अच्छा निकल कर आएगा. इसमें सेलेब्रिटी से उनके साधारण जीवन के बारें में बात होगी, जो अलग होगी. इसमें कोई फोर्मेट नहीं है केवल एक साधारण बातचीत का आलम होगा. जो प्रेरणादायक होगी.

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