खिलाड़ी कुमार के रूप में मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार ने अपने करियर में कई तरह की फिल्में की हैं. वह बेहतरीन एक्शन स्टार रहे हैं. पर कुछ वर्षों से वह सामाजिक सारोकारों, देशभक्ति व महिलाओ के मुद्दों पर आधारित फिल्मों को प्रधानता दे रहे हैं. घर के अंदर शौचालय बनवाने की बात करने के बाद अब अक्षय कुमार माहवारी के दौरान औरतों के सैनेटरी नैपकीन के उपयोग की बात करने वाली फिल्म ‘‘पैडमैन’’ लेकर आ रहे हैं. 25 जनवरी को प्रदर्शित होने वाली यह फिल्म सैनेटरी नेपकीन के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम करने वाले अरूणाचलम मुरूगनाथन के जीवन की कहानी से प्रेरित है.
पिछली फिल्म ‘‘टौयलेट एक प्रेम कथा’’के प्रदर्शन के बाद किस तरह की प्रतिक्रिया मिली?
-इस फिल्म को लेकर सबसे खास बात सरकार की तरफ से सुनायी पड़ी. जिन अफसरों को गांव गांव जाकर लोगों को शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित करने का काम दिया गया है, अब वह अफसर गांव में मेरी फिल्म ‘टौयलेट एक प्रेम कथा’ जाकर दिखाते हैं. लोग फिल्म देखकर समझ जाते हैं कि उन्हें शौचालय बनाना चाहिए. सोशल मीडिया पर अभी अभी आपके सामने किसी ने मेरे मोबाइल पर मैसेज भेजा है- ‘‘नो टौयलेट, नो मैरिज..कोयंबतूर में इस मांग के साथ 50 महिलाओं ने अपनी सास का घर छोड़ दिया. यह संदेश अभी आपके सामने ही आया है.
सैनेटरी नैपकीन को केंद्र में रखकर फिल्म‘‘पैडमैन’’बनाने की बात आपने कब सोची ?
-यह फिल्म मेरी पत्नी ट्विंकल खन्ना की सोच का परिणाम है. उन्होंने सबसे पहले एक किताब लिखी थी, जिसमें एक कहानी लिखी थी. उसके बाद उन्होंने इस विषय पर एक छोटी फिल्म बनाने का निर्णय लिया. पर जब मुझे इसकी जानकारी मिली, तो मैंने उनसे कहा कि यह विषय मुझे भी उत्साहित कर रहा है. इस फिल्म में मैं खुद भी अभिनय करना चाहूंगा. मुझे इसकी कहानी कमाल की लगी. जब मैं इस फिल्म से जुड़ गया, तो कई चीजें बदल गयीं. फिर मैने अपनी तरफ से कुछ शोध किया.