राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता राज कुमार राव ने महज गुड़गांव से बौलीवुड तक की लंबी यात्रा नहीं तय की है, बल्कि उन्होंने अपने करियर में भी काफी संघर्ष कर स्टारडम हासिल किया है. मगर इस स्टारडम से उनके अंदर कोई बदलाव नहीं आया. वह आज भी उसी पुराने अंदाज में मिलते हैं. 2017 उनके करियर के दृष्टिकोण से उनके लिए सर्वश्रेष्ठ वर्ष रहा. गत वर्ष ही उनके अभिनय से सजी फिल्म ‘न्यूटन’ को भारतीय प्रतिनिधि फिल्म के रूप में आस्कर में भेजा गया था. गत वर्ष प्रदर्शित उनकी हर फिल्म ने सफलता के नए आयाम बनाए थे. उन्हें उम्मीद है कि 2018 में भी ऐसा ही होगा. फिलहाल वह हंसल मेहता निर्देशित फिल्म ‘‘ओमेर्टा’’ को लेकर अति उत्साहित हैं.

अब आपको बौलीवुड ने स्वीकार कर लिया है. मगर क्या आपको गुड़गांव से मुंबई पहुंचने का संघर्ष याद आता है?

बौलीवुड ने मुझे अंततः अपना बना लिया है और अब मुंबई ही मेरा घर है. मुझे नहीं लगता कि जो आजादी, जो स्वतंत्रता मुझे मुंबई में मिल रही है, वह मुझे कहीं और मिल पाएगी. मगर मुझे आज भी याद है कि मैं पहली बार 16 साल की उम्र में मुंबई टीवी के एक नृत्य प्रधान शो के लिए आडीशन देने के लिए दो दिन के लिए आया था. मैं शाहरूख खान की फिल्में देखकर प्रभावित था. इसलिए मन्नत के सामने भी कुछ देर खड़ा रहा था, पर यह बात मैंने आज तक शाहरूख खान को नहीं बतायी. पर शाहरूख खान को पता है कि मैं उनसे कितना प्यार करता हूं, एक इंसान के तौर पर मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं. मैं उनकी यात्रा के साथ खुद को जोड़ पाता हूं, क्योंकि वह भी दिल्ली से आए थे और अपनी मेहनत के बल पर सुपर स्टार बने हैं.

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