आज जहां बौलीवुड में सफल माने जाने वाले खान कलाकार वर्ष में महज एक फिल्म करने लगे हैं, वह अपनी सफलता को बरकरार नहीं रख पा रहे हैं. वहीं आज भी अक्षय कुमार हर वर्ष कम से कम तीन से चार फिल्में कर रहे हैं. उनकी फिल्में बाक्स आफिस पर सफलता के झंडे भी गाड़ रही है. अक्षय कुमार के साथ फिल्में कर चुकी कुछ हीरोइनें मानती हैं कि अक्षय कुमार का हाथ लगते ही मिट्टी भी सोना बन जाती है. ऐसे ही सफल कलाकार से जुहू स्थिति उनके घर की इमारत में ही बने आफिस में मुलाकात हुई. हम जिस कमरे मैं बैठे हुए थे, उसके सामने समुद्री लहरें आ जा रही थी. मानों वह समुद्री लहरें भी इस सफल इंसान तक पहुंचना चाहती हो. अक्षय कुमार अब महज एक कलाकार नहीं हैं बल्कि कुछ लोग तो उन्हें संदेश वाहक और समाज सेवक भी मानते हैं.

अब सफलता के साथ आपका चोली दामन का साथ हो गया है?

ऐसा कुछ नही है. यहां सिर्फ किस्मत चलती है. मुझे खुद याद है कि अतीत में मेरी कई फिल्मों को लेकर कईयों ने कहा कि यह फिल्म अच्छी नहीं है, यह नहीं चलेगी, मगर वह फिल्म सुपर डुपर हिट रही. मैंने कई फिल्मों के बारे में सुना कि क्या धांसूं फिल्म बनायी है. यह फिल्म तो बाक्स आफिस पर रिकार्ड तोड़ेगी, पर पता चलता है कि वही फिल्म बाक्स आफिस पर पूरी तरह से असफल होती है. निर्माता को तोड़कर रख देती है. मेरी राय में फिल्म की सफलता का कोई फार्मूला नहीं है. कौन सी फिल्म कैसे सफल होती है, कोई नहीं जानता. यह बात मैंने अपने अनुभव से सीखा. जहां तक मेरे हाथ डालने से फिल्म के हिट होने या मिट्टी के सोने बनने की बात है, तो मैं ऐसा नहीं मानता. मेरे करियर में आठ से बारह फिल्में हिट हो जाती है. फिर ऐसा दौर आया, जब एक साथ 14 फिल्में असफल हुई. फिर ऐसा दौर आता है कि फिल्में चल जाती हैं. तो बौलीवुड में कुछ भी संभव है.

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