अक्षय कुमार का दावा है कि उन्हें जो सफलता मिली है, उसमें उनकी मेहनत से ज्यादा योगदान किस्मत का है. अक्षय कुमार मानते हैं कि फिल्में किस्मत से चलती हैं. तो वहीं कुछ दिन पहले वह कह चुके हैं कि उन्हें अपनी फिल्म ‘‘टायलेट : एक प्रेम कथा’’ के बाक्स आफिस कमाई की चिंता नहीं है. वह चाहते हैं कि उनकी यह फिल्म ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंचे और शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित हों.

मगर उन्होंने अपनी इस फिल्म को लेकर जो कदम उठाया है, उससे बौलीवुड और मीडिया में यही संदेश जा रहा है कि अक्षय कुमार डरे हुए हैं और उन्हें अपनी फिल्म ‘‘ट्वायलेट : एक प्रेम कथा’’ की गुणवत्ता पर यकीन नहीं है. इसी के चलते अक्षय कुमार ने अपनी इस फिल्म का प्रेस शो फिल्म के प्रदर्शन के दिन यानीकि शुक्रवार को सुबह दस बजे रखा है. इसके पीछे इस फिल्म से जुड़े अक्षय कुमार व सह निर्माताओं की सोच यही है कि तब तक दर्शक एडवांस बुकिंग या शुक्रवार की सुबह के शो में फिल्म देखने के लिए पैसे देकर फंस चुके होंगे.

यूं तो बौलीवुड में सभी को पता है कि हर फिल्मकार अपनी फिल्म मुंबई के फिल्म पत्रकारों और फिल्म आलोचकों को सोमवार से गुरूवार के बीच ‘प्रेस शो’ रखकर दिखा देता है. अब तक जिन फिल्मकारों ने अपनी फिल्म का प्रेस शो सीधे शुक्रवार की सुबह रखा, उनकी वह फिल्में बाक्स आफिस पर पूरी तरह से डूबती रही हैं.

इसका सबसे ज्यादा ताजातरीन उदाहरण गत सप्ताह प्रदर्शित शाहरुख खान की फिल्म ‘‘जब हैरी मेट सेजल’’ रही. ‘जब हैरी मेट सेजल’ जैसी घटिया फिल्म के साथ ही शाहरुख खान की अभिनय प्रतिभा पर सवालिया निशान लग चुके हैं. इस फिल्म की बाक्स आफिस पर ‘ट्यूब लाइट’ से भी ज्यादा बुरी दुर्गति हुई है.

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