फरहान अख्तर ने आज से पंद्रह वर्ष पहले 2001 में अपने मित्र रितेश सिद्धवानी के साथ मिलकर फिल्म निर्माण कंपनी ‘‘एक्सेल इंटरटेनमेंट’’ की शुरुआत की थी और उन्होंने इस बैनर तले पहली फिल्म ‘‘दिल चाहता है’’ का निर्माण व निर्देशन कर निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा था. उस वक्त फरहान ने इस फिल्म को प्रति टेरेटरी ढाई करोड़ के हिसाब से वितरकों को बेचा था, मगर हर वितरक को दो करोड़ का नुकसान हुआ था. मगर इस फिल्म में आमिर खान की मुख्य भूमिका थी, इसलिए इस फिल्म की चर्चाएं काफी हुई थी. इस फिल्म के असफल होने के बाद लोगों का अनुमान था कि अब फरहान फिल्म निर्माण या निर्देशन से तोबा कर लेंगें. मगर ऐसा नहीं हुआ.
पिछले 15 वर्ष में फरहान अख्तर ने अपनी कंपनी ‘‘एक्सेल इंटरटेनमेंट’’ के तहत कुल सोलह फिल्में बनायी. इन फिल्मों के बाक्स आफिस कलेक्शन पर बारीकी से गौर किया जाए, तो एक बात साफ तौर पर उभरकर आती है कि ‘दिल चाहता है’ को छोड़कर जिन सात फिल्मों का निर्माण फरहान अख्तर ने अपनी इस कंपनी के तहत किया, उन फिल्मों ने पैसे कमा कर दिए. मगर फरहान ने जिन फिल्मों का निर्माण स्टूडियो से पैसे लेकर किया, उन सभी फिल्मों ने स्टूडियो को करोड़ो का नुकसान पहुंचाया. एक अनुमान के मुताबिक फरहान अख्तर निर्मित फिल्मों ने सबसे ज्यादा ‘इरोस’ को करीबन सौ करोड़ रूपए और रिलायंस इंटरटेनमेंट को करीबन बीस करोड़ का नुकसान पहुंचाया. ‘रिलायंस इंटरटेनमेंट’ ने तो अब फिल्म निर्माण से तोबा कर ली है.
‘‘दिल चाहता है’’ के असफल होने के बाद फरहान अख्तर ने तीन वर्ष बाद ‘एक्सेल इंटरटेनमेट’ के ही तहत ‘लक्ष्य’ का निर्माण व निर्देशन किया. इस फिल्म से वितरकों को चार करोड़ का घाटा हुआ था. इसके बाद फरहान अख्तर ने ‘डॉन’ निर्देशित की, जिसने ‘एक्सेल इंटरनटेनमेंट’ को कमा कर दिया. उसके बाद ‘एक्सेल इंटरटेनमेंट’ की रीमा कागती निर्देशित कम बजट की फिल्म ‘हनीमून ट्रेवल्स प्रा.लिमिटेड’ ने अपना पैसा निकाल लिया था.