नक्ष लायलपुरी उन गीतकारों में से थे, जिनके बारे में स्व. राज कपूर ने कहा था, ‘‘मुझे अफसोस है कि फिल्म ‘हिना’ से पहले इस इंसान और इसकी लेखनी को अपनी टीम का हिस्सा नही बना सका.’’

जी हां फिल्म ‘‘हिना’’ का जिक्र करते हुए खुद नक्ष लायलपुरी ने कहा था, ‘‘संगीतकार रवींद्र जैन ने मुझे फिल्म ‘हिना’ का गीत ‘चिट्ठियां’ लिखने का मौका दिया था. राज कपूर जी ने यह गीत सुना और उनकी आंखों से आंसु बहने लगे थे. फिर उन्होंने मुझसे कहा था, ‘आप इतने दिनों तक थे कहां? मुझसे गलती हो गयी, जो मैं आपसे पहले न मिल सका.’ उसके बाद रवींद्र जैन के विरोध के बावजूद उन्होंने मुझसे ‘अनारदाना’ के गीत लिखने के लिए कहा था. मगर जिस दिन गीत की रिकॉर्डिंग होनी थी, उसी दिन राज जी बीमार हो गए. रिकॉर्डिंग रद्द हो गयी. फिर उनका असामयिक देहांत हो गया. जब रणधीर कपूर ने कमान संभाली तो रवींद्र जैन अपना गीत लेकर पहुंच गए और कहा कि राज जी ने उनके गीत को पसंद किया था. सच जानने वाले रमेश बहल ने, विवाद से बचने के लिए रणधीर कपूर के सामने सच नहीं कबूला था. पर उसके बाद रवींद्र जैन व रमेश बहल दोनों मेरी नजर से गिर गए थें. कुछ समय बाद रवींद्र जैन ने मुझसे माफी भी मांगी थी, पर माफी का सवाल ही नहीं था.’’

नक्ष लायलपुरी ने शंकर जयकिशन, जयदेव, खय्याम, मदन मोहन, राजेश रोशन, रवींद्र जैन सहित 145 संगीतकारों के लिए गीत लिखे. मगर उन्हें हमेशा बी या सी ग्रेड फिल्मों के ही गीत लिखने का अवसर दिया गया. जबकि उन्होंने हर फिल्म में ‘ए’ ग्रेड स्तरीय गीत लिखे और उनके गीत लोकप्रिय हुए.

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