बौलीवुड अभिनेता सलमान खान की फिल्म ‘सुलतान’ का ट्रेलर रिलीज होते ही सोशल मीडिया में लंगोट और दंगल जैसे की-वर्ड्स ट्रेंड कर रहे हैं. ये की-वर्ड्स पहले फिल्म और वर्चुअल दुनिया में इतने जोर से कभी नहीं सुने और देखे गए. बड़ी फिल्में आते ही की-वर्ड्स और किरदारों को ट्रैंडिंग टौपिक बना देती हैं. सुलतान का ट्रेलर जब से रिलीज हुआ है, डिजिटल मीडिया में इसे लाइक करने वालों की बाढ़ सी आ गई है. यह फिल्म हरियाणा के मशहूर पहलवान सुलतान अली खान के जीवन पर आधारित है. फिल्म के निर्माता आदित्य चोपड़ा हैं और इस के पटकथा लेखक व निर्देशक अली अब्बास जफर हैं. यह फिल्म ईद पर रिलीज होगी. जाहिर है आमिर की ‘दंगल’ के साथ भी ऐसा होगा. यह भी इसी विषय पर केंद्रित है.

जिस तरह देश के ज्यादातर स्पोर्ट्स चलन से बाहर हो गए हैं, वैसे ही दंगल भी हरियाणा जैसे कुछ राज्यों को छोड़ कर और कहीं कम ही होता है. पहले गांवों, कसबों का हर मेला और जलसा बिना दंगल के पूरा नहीं होता था. यह तब की बात है जब टीवी का रोग और इंटरनैट की लत नहीं थी. अब तो दंगल का मतलब डब्लूडब्लूएफ की फर्जी फाइट से निकाला जाता है. हिंदी फिल्मों में सामाजिक सरोकार की कहानियों से जुड़े विषयों का टोटा रहता है. वहां दलित व पिछड़े समाज से जुड़े किरदारों को तो हमेशा से ही हाशिए पर रखा गया है. ‘दंगल’ और ‘सुलतान’ के पहलवान या तो पिछड़े समाज से आए हैं या फिर दलित से, लेकिन हर साल सैकड़ों फिल्में बौलीवुड में बनती हैं, पर इन्हें नायक की तरह कम ही पेश किया जाता है.

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