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जेब में पुड़िया, क्लोरोफार्म और ओपीएम रखती है भाजपा : अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा अपने किये गये वादे पूरे नहीं कर रही. वह जनता को किसी न किसी बहाने झांसे में रखना चाहती है. इस कारण कभी किसी महापुरूष के नाम की राजनीति करती है तो कभी परिवारवाद और जातिवाद की बातें करती है. लखनऊ मे मेट्रो से लेकर गाजियाबाद में एलीवेटेड रोड के उद्घाटन तक में भाजपा का कोई योगदान नहीं है. वहां जातिवाद और परिवारवाद की बातों का क्या मतलब? भाजपा ‘रामराम जपना’ वाला काम कर रही है. भाजपा जनता को भुलावे में रखने के लिये अपनी जेब में पुड़िया, क्लोरोफार्म और ओपीएम रखती है.

अखिलेश यादव ने कहा ‘योगी सरकार ने किसानों के कर्ज माफ किये. अब उस कर्ज की रिकवरी हो रही है’ अखिलेश यादव ने इस विषय में पुख्ता सूबत के तौर पर मेरठ जिले की सरधना तहसील के जमालपुर गांव के प्रधान गौरव चौधरी को पेश किया. गौरव चौधरी ने बताया कि उसके गांव के 35 किसानों के खाते से कर्ज का पास वापस बैंक ने ले लिया. एक तरफ किसानों से कर्ज माफी का पैसा वापस लिया जा रहा है. दूसरी तरफ बड़े बड़े लोग बैंको का पैसा लेकर फरार हो रहे हैं. बैंको का घोटाला बहुत बड़ा घोटाला है जो धीरे धीरे सामने आ रहा है.

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अखिलेश यादव ने कहा ‘केन्द्र और प्रदेश दो दो जगहों पर सरकार बनाने के बाद भी भाजपा जनता को राहत नहीं दे पा रही है. भाजपा के विकास का डबल इंजन कहीं दिख नहीं रहा है. विकास से लेकर नौकरियों के सवाल पर भाजपा धोखा दे रही है. भाजपा खुद सबसे बडी जातिवादी पार्टी है.’

अखिलेश यादव ने राज्यसभा के चुनाव में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के सवाल पर कहा लग नहीं रहा कि वह हमारे साथ हैं. जब हमें लगा कि हमारे साथ हैं तब बधाई दी थी. जब लगा नहीं हैं तो डिलीट कर दी. उत्तर प्रदेश में दलितों की हालत पर अखिलेश यादव ने कहा ‘प्रदेश में दलितों की हालत खराब है. मूर्तियों की तोड़ने की घटनाएं इसका उदाहरण है. केवल प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में यह हो रहा है. घोड़ी चढने पर दलित की जान ले ली जाती है. बिहार में हालत खराब है. भाजपा लोगों को अपमानित करने, डराने, धमकाने का काम करती है. लोकसभा के 2 उपचुनाव हारने के बाद भाजपा बौखला गई है. अब उनके ही सांसद आरक्षण को लेकर अलग अलग राय दे रहे हैं’.

कोर्ट में चल रहे लंबे केसों का इस ऐप से होगा समाधान

सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों ने वकालत के पेशे को लेकर चिंता जताई है. न्यायधीशों का कहना है कि अब अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ना आसान नही है. आज के समय में वकालत का पेशा इतना महंगा हो गया है कि यह गरीब आदमी की पहुंच से तो बिल्कुल ही बाहर हो चुका है. जजों का भी मानना है कि कोर्ट में चल रहे केसों की न्यायकि प्रक्रिया इतनी धीमी है कि लोग अब इस बात से आश्वस्त हो गए हैं. लिहाजा अब कोर्ट- कचहरी के चक्कर लगा रहे लोग भी यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि कोर्ट में चल रहा उनका केस उनके जीवनकाल में खत्म होगा भी यह नहीं.

अगर आप कोर्ट में चल रहे केस को लड़ने में असमर्थ हैं तो अब आपको ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि अब आप एक ऐप की सहायता से एसे केसो को लड़ने में मदद पा सकता हैं. आइये जानते हैं इस ऐप के बारे में-

लंबे केसों का इस ऐप से होगा समाधान

अगर आप अदालत में अपना केस लड़ने में असमर्थ है तो आपकी मदद करेगा advok8.in Third party litigation funding ऐप. यह ऐप ना केवल आपकी कानूनी रूप से सहायता करेगा बल्कि आर्थिक मदद भी करेगा. Advok8 के मार्केटिंग हेड सौरव कुमार सिन्हा का कहना है कि हमारा लक्ष्य देश में लोगों को कानूनी रूप से जागरूक एवं सजग करना है.

अपने ऐप के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा की अभी तक 10000 से ज्यादा वकील उनके साथ जुड़ चुके हैं और ऐप पे दी जाने वाली टेक्नोलौजी से वकीलों की कार्यक्षमता में बढ़ावा हुआ है और उनका काम पहले से ज्यादा सुचारु रूप से चल रहा है. इस ऐप को आप गूगल प्ले स्टोर पर जाकर प्ले स्टोर से डाउनलोड कर इंस्टौल कर सकते हैं और आसानी से इस ऐप का लाभ उठा सकते हैं.

कंपनी के फाउंडर ने इस बात पे जोर डाला की उनका प्रोजेक्ट जटिल प्रक्रिया को सरल बनाना और भविष्य में लीगल इंशोरेंस और लीगल काल सेंटर जिससे दर्ज केसों की संख्या में गिरावट आने पे केंद्रित है. उन्होंने बताया की दीपक गोयल जो की एक एंजल इन्वेस्टर है से उन्हें सीड फंडिंग मिल चुकी है और आने वाले दो महीनो में राउंड A की संभावना बड़ी प्रबल है. केवल 15 दिनों के अंतराल में 70 से ज्यादा केसेस दर्ज हो चुके है और काम जारी है.

ट्रोलर्स को जवाब देने के लिये मंदिरा ने पोस्ट की बिकिनी फोटो

टीवी और फिल्म एक्ट्रेस मंदिरा बेदी फैशन आइकौन होने के साथ-साथ एक बिजनेस वुमेन और फिटनेस लवर भी हैं. यह मल्टी टैलेंटेड एक्ट्रेस आए दिन अपनी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं. मंदिरा कभी एक्सरसाइज करते हुए तो कभी बीच पर पोज देते हुए तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर करती रहती हैं. वहीं सोशल मीडिया पर आए दिन मंदिरा को ट्रोलर्स का भी सामना करना पड़ता हैं. कुछ दिनों पहले मंदिरा टीवी शो ट्रोल पुलिस में नजर आई थीं, जहां उन्होंने ट्रोलर्स को खूब खरी खोटी सुनाई थी.

वहीं एक बार फिर से ट्रोलर्स को जवाब देने के लिए मंदिरा बेदी ने बिकिनी पहन कर एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की है. दरअसल, मंदिरा अपने परिवार के साथ गोवा छुट्टियां मनाने गई हैं. वहीं मंदिरा ने अपनी एक तस्वीर शेयर की. तस्वीर में मंदिरा बिकिनी पहने स्वीमिंग पूल के किनारे खड़ी दिखाई दे रही हैं. इस तस्वीर के सामने आने के बाद इंस्टाग्राम यूजर्स ने फिर से मंदिरा की तस्वीर पर कमेंट्स करने शुरू कर दिए. मंदिरा की तस्वीर का मजाक उड़ाते हुए कई लोगों ने चुटकी ली.

एक यूजर ने लिखा, ‘ये मंदिरा खुद को समझती क्या है, तुम कौन होती हो पब्लिक का ओपीनियन जज करने वाली.’ दूसरे यूजर ने लिखा, ‘पब्लिकली शेयर करोगी तो कमेंट्स तो ऐसे आएंगे ही. एक यूजर ने लिखा, ‘पहले 2 किलो का मेकअप उतार के बात करो, आधा वेट तो मेकअप का ही होगा.’ बता दें, इससे पहले भी मंदिरा अपनी कई सारी तस्वीरें शेयर कर चकी हैं, जिनमें लोगों ने कुछ न कुछ कहा है, लेकिन मंदिरा ने हमेशा वही किया है जो वह करना चाहती हैं. इसके चलते वह कई महिलाओं की इंस्पिरेशन हैं.

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स्मिथ-वार्नर के बैन के पीछे बौल टेम्परिंग या फिर कोई साजिश…

बौल टेम्परिंग मामले में औस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन पर एक एक साल का बैन लगा दिया है. इन क्रिकेटर्स को मिली इतनी कड़ी सजा को लेकर भारतीय बल्लेबाज और आईपीएल टीम दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान गौतम गंभीर ने क्रिकेट औस्ट्रेलिया के सामने बड़ा सवाल उठाया है.

गंभीर का कहना है कि इन खिलाड़ियो को कहीं बोर्ड से बगावत करने की खामियाजा तो नहीं भुगतना पड़ रहा है? गंभीर ने स्मिथ और उनके परिवार से भी सहानुभूति जताई, उन्होंने अपनी बात सामने रखते हुए ट्वीट किया-

– गंभीर ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘हालांकि क्रिकेट को भ्रष्टाचार मुक्त होना चाहिए लेकिन औस्ट्रेलियाई खिलाड़ीयों पर लगा बैन कुछ ज्यादा सख्त है. कहीं स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर को वेतन बढ़ाने के मामले में क्रिकेट औस्ट्रेलिया के खिलाफ बगावत करने की सजा तो नहीं मिल रही है. वैसे भी इतिहास रहा है जिन्होंने भी अबतक खिलाड़ियो के हक में आवाज उठाई है, एडमिनिस्ट्रेटर्स ने उनका मजाक बनाया है. सबसे बड़ा उदाहरण इयान चैपल का है.’

– अपने अगले ट्वीट में गंभीर ने लिखा, ‘मुझे स्टीव स्मिथ के पिता और उनके परिवार के लिए बेहद ही बुरा लग रहा है. उम्मीद है कि मीडिया और औस्ट्रेलिया के लोग उनके परिवार पर निशाना नहीं साधेंगे. क्योंकि ऐसे मौके पर परिवार सबसे सौफ्ट टारगेट हो सकते हैं. वैसे भी बैन से ज्यादा अपने ही प्रशंसको से एक धोखेबाज कहलाना बहुत बड़ी सजा होती है, जो उन्हें इस वक्त मिल रही है.’

– इसके बाद अपने आखिरी ट्वीट में गंभीर ने लिखा, ‘हो सकता है मैं भावुक हो रहा हूं लेकिन मुझे नहीं लगता कि स्टीव स्मिथ ने कोई धोखा किया है. मुझे आपके बारे में तो नहीं पता, लेकिन उनमें मुझे एक ऐसा लीडर दिखता है, जो कि अपनी टीम और देश के लिए हर हाल में टेस्ट मैच जीतने को बेकरार रहता है. हां, उनके तरीकों पर सवाल उठाए जा सकते हैं लेकिन उन पर भ्रष्ट का लेबल लगाना उचित नहीं है.’

कहीं आपके स्मार्टफोन की जानकारी चोरी तो नहीं हो रही, अपनाएं ये तरीके

क्या आपको पता है कि आपके स्मार्टफोन में मौजूद ऐप्स आपकी कई जानकारियों के बारे में जानते हैं? क्या आपको पता है कि कुछ ऐप्स ऐसे भी हैं, जो यहां तक सुन सकते हैं कि आप टीवी पर क्या देख रहे हैं. इसके अवाला इन ऐप्स को ये भी पता होता है कि आप घर के बाहर किस मूवी थिएटर में हैं और कोन सी मूवी देख रहे हैं. ऐसे में आपके स्मार्टफोन की जानकारी एक छोटी सी लापरवाही के चलते लीक हो सकती है. डाटा जानकारी को लेकर होने वाले छेड़छाड़ को इस तरह समझा जा सकते है, कि हाल ही में एक रिपोर्ट आई जिसमें बताया गया कि करोड़ों फेसबुक यूजर्स की जानकारी के साथ छेड़छाड़ हुआ.

दरअसल कैंब्रिज ऐनालिटिका नाम की एक फर्म ने फेसबुक के करोड़ो यूजर्स के डाटा के साथ छेड़छाड़ की थी. फर्म ने इसका इस्तेमाल 2016 अमेरिकी प्रेसिडेंट इलेक्शन को प्रभावित करने के लिए किया था. इसके बाद से कई अटकलें लगाईं जा रही हैं. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि कैसे अपने स्मार्टफोन की जानकारी को सुरक्षित रखा जाए, चलिये बताते हैं.

कैसे हो सकती है आपकी जानकारी चोरी?

आसान भाषा में समझाएं तो आप जब किसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर लौग इन करते हैं, तो आपसे आपकी कुछ जानकारी मांगी जाती है. जैसे नाम, पता, ईमेल आइडी, कौन्टेक्ट नंबर इत्यादि. इन जानकारियों को पूरा कर के आप किसी सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर अपना अकाउंट बनाते हैं. ऐसे में सोशल मीडिया पर थर्ड पार्टी ऐप्स जिन्हें आपने जाने या अनजाने में परमिशन दी हो, वो आपके जानकारियों का इस्तेमाल करते हैं. यहां खतरा ये है कि हैकर्स इन थर्ड पार्टी ऐप्स के जरिए आपकी जानकारी चुरा सकते हैं. इतना ही नहीं हैकर्स इन जानकारी का गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

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ऐसा ही कुछ स्मार्टफोन में ऐप्स को डाउनलोड करने पर होता है. ऐप्स अपनी सेवा के अनुसार आपके कौन्टेक्ट नंबर, मीडिया गैलरी और कई चीजों को एक्सेस करने की जानकारी मांगते हैं. अगर हैकर्स के हाथ ये जानकारी लग जाए, तो आपका काफी नुकसान हो सकता है.

हैरान करने वाली रिपोर्ट

एक जर्मन विश्वविद्यालय की तरफ से मई, 2017 में एक रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में बताया गया कि गूगल प्ले स्टोर पर 234 ऐप्स ऐसे पाए गए जो यूजर की जानकारी का गलत इस्तेमाल कर रहे थे. ये ऐप्स यूजर के माइक्रोफोन के जरिए उनके टीवी पर चल रहे कार्यक्रम और विज्ञापनों को सुनते थे. रिपोर्ट में बताया गया कि ऐप माइक्रोफोन के जरिए यूजर्स की टीवी देखने की आदत को मौनिटर करते थे.

ऐप को परमिशन देने से पहले इस बात का रखें ध्यान

अगर आपसे मैसेंजर, कौलिंग या कोई औडियो ऐप आपके माइक्रोफोन को एक्सेस करने की जानकारी मांगता है, तो इसे समझा जा सकता है. लेकिन अगर एक गेमिंग ऐप या ई-कौमर्स ऐप आपके माइक्रोफोन की इजाजत मांगता है, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए. एक गेमिंग या ई कौमर्स ऐप को आपके माइक्रोफोन से क्या लेना देना.

ऐसे ही हर ऐप को कौन सी एक्सेस देनी है इस बात का ध्यान रखें. अपने फोन की Settings में जाकर App औप्शन पर टैप करें. यहां आपको Permission औप्शन दिखाई देगा, इसपर टैप करके आप कई जानकारियों को साझा करने से रोक सकते हैं.

गूगल का डेवलपर्स को निर्देश

गूगल की तरफ से सभी ऐप डेवलपर्स को सख्त निर्देश दिए गए हैं. डेवलपर्स को यूजर्स की उन्हीं जानकारियों को एक्सेस करने की इजाजत मांगना है, जो ऐप के लिए जरूरी हो. डेवलपर्स किसी भी दूसरी जानकारी को एक्सेस नहीं कर सकते.

गूगल की तरफ से साफ निर्देश है कि कोई भी डेवलपर किसी भी यूजर की जानकारी बिना उनकी इजाजत के एक्सेस नहीं कर सकता.

गूगल एप डेवलपर्स से कहता आया है कि वो यूजर को इस बात की जानकारी दे कि वो कौन सा डाटा एक्सेस करना चाहता है. डेवलपर्स को इसकी जानकारी अपने पेज पर देनी होगी.

यहां करें शिकायत

अगर आपको किसी भी ऐप से परेशानी है तो आप इसकी शिकायत गूगल से कर सकते हैं. इसके लिये आपको गूगल प्ले के Help page पर जाना होगा. यहां आपको Report Content Issues and Violations पर जाकर शिकायत दर्ज करनी होगी. गूगल, प्ले स्टोर से कई ऐप्स को पहले भी हटा चुका है.

देश के लिये खेलना चाहता हूं लेकिन शायद अब वो दिन ना आए : वार्नर

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट में गेंद से छेड़छाड़ के दोषी पाए गए औस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर पर क्रिकेट औस्ट्रेलिया (सीए) ने एक साल का प्रतिबंध लगाया है. वहीं, इस विवाद में शामिल सलामी बल्लेबाज कैमरून बेनक्रौफ्ट को नौ महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. ये तीनों खिलाड़ी प्रतिबंध की समयावधि के दौरान अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से दूर रहेंगे. स्मिथ और वार्नर दोनों को ही अपनी इस गलती का पछतावा है और दोनों खिलाड़ी अपनी इस गलती के लिए माफी भी मांग रहे हैं. प्रेस कौन्फ्रेंस के दौरान दोनों ही खिलाड़ी फूट-फूटकर रोते हुए दिखाई दिए.

औस्ट्रेलिया के प्रतिबंधित सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर ने गेंद छेड़छाड़ प्रकरण में अपनी भूमिका के लिए माफी मांगी और कहा कि उन्होंने उस खेल को दागदार किया जिसे वह बचपन से पसंद करते थें.

वार्नर दक्षिण अफ्रीका में हुए इस प्रकरण की योजना बनाने के मुखिया साबित हुए, जिससे उन पर और कप्तान स्टीव स्मिथ पर एक साल का प्रतिबंध लगा. दोनों खिलाड़ियों पर इस साल होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2018) में भाग लेने से भी रोक लगा दी गई.

वार्नर ने अपनी गलती के लिए माफी मांगते हुए कहा, ‘‘मैं इसके लिए माफी मांगता हूं और इसकी जिम्मेदारी लेता हूं. मैं समझ सकता हूं कि इससे खेल को कितना नुकसान और इसके प्रशंसकों को कितना दुख पहुंचा होगा. हम सभी जिस खेल को पसंद करते हैं और बचपन से मैं जिस खेल को पसंद करता था, यह उस पर दाग है.’’

वार्नर ने प्रेस कौन्फ्रेंस के दौरान संन्यास की संभावनाओं से इनकार किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने जो कुछ भी किया उसके लिए कोई सफाई नहीं दी जा सकती है. मैं इसके लिए माफी मांगता हूं. औस्ट्रेलिया की जनता की नजरों में अपने लिए सम्मान वापस पाने के लिए मैं कुछ भी करने के लिए तैयार हूं.

उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह 12 महीने के प्रतिबंध के बाद एक बार फिर औस्ट्रेलिया के लिए खेलेंगे. उन्होंने साथ ही कहा, ‘मेरे दिमाग में कहीं न कहीं यह बात भी है कि एक दिन फिर मुझे अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा, लेकिन हो सकता है कि शायद वह दिन अब कभी न आए.

पूरी प्रेस कौन्फ्रेंस के दौरान वौर्नर लगातार माफी मांगते रहें. उन्होंने कहा, ‘सभी औस्ट्रेलियाई नागरिक, भले ही आप क्रिकेट फैन हों अथवा नहीं, मैं आप सबसे अपने काम से देश की प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए माफी मांगता हूं मैं क्रिकेट के जरिए अपने देश के लिए सम्मान अर्जित करना चाहता था.’ उन्होंने कहा कि बतौर उपकप्तान वह अपनी जिम्मेदारियां निभाने में नाकाम रहें.

गौरतलब है कि इस प्रकरण में क्रिकेट औस्ट्रेलिया की जांच में निकला कि स्मिथ और कैमरन बेनक्रौफ्ट जानते थें कि वे किस चीज का हिस्सा बन रहे हैं लेकिन वार्नर ने गेंद की हालत को बदलने के प्रयास की योजना तैयार की थी.

अप्रैल से शुरू होने जा रहा है पोस्ट औफिस पेमेंट्स बैंक, ये होंगे फायदे

इंडियन पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) की शुरुवात अप्रैल से देशभर में होने जा रही है. पोस्ट औफिस पहले यह जानकारी दे चुका है कि उनके पेमेंट्स बैंक का विस्तार तेजी से हो रहा है और अप्रैल से पूरे देश में इसका नेटवर्क काम करना शुरू कर देगा. बताया जा रहा है कि आईपीपीबी एयरटेल और पेटीएम के बाद यह तीसरा ऐसा पेमेंट बैंक होगा जो पूरी तरह से काम शुरू कर देगा. गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 2015 में ही एयरटेल और पेटीएम के साथ ही भारतीय डाक विभाग के अलावा अन्य कई को पेमेंट बैंक खोलने की मंजूरी दे दी थी.

इंडियन पोस्ट पेमेंट्स बैंक की सेवाएं देश के सभी 1.55 लाख डाकघरों में ली जा सकेगी. पोस्ट औफिस के पेमेंट्स बैंक की सेवा शुरू करने का सबसे ज्यादा फायदा दूर-दराज के उन इलाकों को मिलेगा, जिनकी पहुंच अभी बैंकिंग सिस्टम तक नहीं है. इंडियन पोस्ट पेमेंट्स बैंक यह सेवा डाकियों और डाक सेवकों की मदद से लोगों के दरवाजे तक पहुंचाई जाएगी. इसके लिए इंडियन पोस्ट पेमेंट्स बैंक की 650 शाखा का नेटवर्क काम करेगा. भारतीय पोस्ट औफिस की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक इस सेवा के विस्तार का काम पूरा होने से देश का वित्तीय नेटवर्क काफी मजबूत हो जाएगा.

आपको बता दें कि पेमेंट्स बैंक पूरी तरह बैंक नहीं होते. हालांकि ये सामान्य बैंकों की तरह ही कई सुविधाएं आपको मुहैया कराते हैं. पेमेंट्स बैंक में आप 1 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं. इसके आलावा पैसे भेजने और प्राप्त करने समेत इंटरनेट बैंकिंग की सेवा भी ये बैंक देते हैं. बल्कि ये बैंक सामान्य बैंकों की तरह लोन नहीं दे सकते. आईपीपीबी की ये सेवा अप्रेल से शुरू होने के बाद काफी लोग इसका लाभ उठा सकेंगे.

अनुष्का शर्मा बनाने जा रही हैं तीन और नई फिल्में!

बौलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा ने जब से प्रोडक्शन के क्षेत्र में अपना कदम रखा है, उसके बाद से अब तक उन्होंने 3 फिल्में की हैं जिनमें ‘एनएच 10’, ‘फिल्लौरी’ और ‘परी’ शामिल हैं. उनकी तीनों ही फिल्मों को क्रिटिक्स की ओर से जमकर तारीफें तो मिली ही साथ ही इन फिल्मों का बौक्स औफिस पर भी अच्छा-खासा प्रदर्शन रहा. अब कहा जा रहा है कि अनुष्का एक बार फिर तीन नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने जा रही हैं.

जी हां, अनुष्का अपने प्रोडक्शन बैनर के तहत अब तीन नई फिल्मों की प्लानिंग कर रही हैं. वह बहुत जल्द अपनी इन तीनों फिल्मों की घोषणा करेंगी जो अलग-अलग जौनर की होंगी, जैसी उनकी पिछली तीनों फिल्में रही हैं. अभी तक अपने प्रोडक्शन हाउस में बनी तीनों फिल्मों में अनुष्का ही लीड एक्ट्रेस थीं. हालांकि, आने वाले तीनों फिल्मों में वह एक्टिंग करेंगी या नहीं, इसकी कोई जानकारी नहीं मिली है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनुष्का अपने भाई करनेश शर्मा के साथ मिलकर तीन स्क्रिप्ट्स पर काम कर रही हैं. करनेश ‘क्लीन स्लेट फिल्म्स’ प्रोडक्शन हाउस के को-फाउंडर हैं और वह अनुष्का के साथ मिलकर फिल्मों पर काम करते हैं.

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फिलहाल अनुष्का इन दिनों अपनी अपकमिंग मूवी ‘सुई धागा’ की शूटिंग में व्यस्त हैं. इसमें उनके साथ वरुण धवन भी नजर आएंगे. इसके अलावा वह शाहरुख खान और कैटरीना कैफ के साथ फिल्म ‘जीरो’ और राजकुमार हिरानी की संजय दत्त की बायोपिक में भी नजर आएंगी. अनुष्का के लिए एक और अच्छी खबर है कि उनकी फिल्म ‘परी’ अब रूस में भी रिलीज होगी. ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने इसकी जानकारी दी है. यह फिल्म रूस में 19 अप्रैल 2018 को रिलीज होगी.

रामदास अठावले चाहते हैं एनडीए में आयें मायावती

केंद्र सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास बंधू अठावले का मानना है कि सपा-बसपा के मिलने से उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन को 50 के करीब सीटें ही मिलेगी. अगर बसपा नेता मायावती एनडीए में आ जाये, तो रामदास अठावले, राम विलास पासवान, मायावती और भाजपा मिल कर उत्तर प्रदेश की सभी सीटें जीत लेंगे. उत्तर प्रदेश के भाजपा नेता भले ही सपा-बसपा गठबधन के बाद भी उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सभी सीटे जीतने का दावा कर रहे हों, पर एनडीए के सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी इंडिया यानि आरपीआई के नेता रामदास अठावले इससे सहमत नहीं है.

लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में आयोजित वार्ता में रामदास अठावले ने कहा कि ‘बसपा को समाजवादी पार्टी पहले भी धोखा दे रही थी आगे भी देगी. अगर सपा चाहती तो राज्यसभा चुनाव में बसपा एक सीट जीत लेती. सपा ने अपने प्रत्याशी को जितवाने के बाद बचे वोट बसपा के प्रत्याशी को दिये जिससे बसपा हार गई. अगर सपा को लगता था कि गोरखपुर और फूलपुर के लोकसभा चुनाव सपा बसपा के कारण जीती है तो सपा को राज्यसभा की कम से कम एक सीटे बसपा को जितवा देना चाहिये था. मायावती को यह समझना चाहिये. वह साथ आयेंगी तो हम, राम विलास पासवान और मायावती मिलकर दलितों के लिये ज्यादा अधिकार केन्द्र सरकार से मांग सकेंगे.’

रामदास अठावले बाराबंकी जिले में एक रैली को संबोधित करने जा रहे थे. लखनऊ में कुछ देर रुक कर वार्ता का आयोजन किया. डाक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम के संशोधन को सही ठहराते रामदास अठावले ने कहा कि डाक्टर अंबेडकर के सम्मान के लिये जरूरी है कि उनको नाम सम्मान से लिया जाये. बसपा को इसकी राजनीति नहीं करनी चाहिये. महाराष्ट्र अपने नाम के साथ पिता का नाम लगाना जरूरी माना जाता है. रामदास अठावले ने राजनीति में दलितों के बढ़ते प्रभाव का जिक्र करते कहा कि उसे एकजुट होने की जरूरत है.

आरक्षण के सवाल पर रामदास अठावले ने कहा कि केन्द्र की सरकार आरक्षण के मुद्दे पर कोई बदलाव नहीं करने जा रही. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अति पिछड़ों को अलग से आरक्षण देने के सवाल पर रामदास अठावले ने कहा कि जरूरत पड़े तो अति पिछड़ों के साथ दूसरी जातियों के अति गरीब लोगों को भी आरक्षण दिया जाये, पर पहले आरक्षण की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ाया जाये. रामदास अठावले ने कहा कि आरक्षण के सवाल पर दलितों को घबराने की जरूरत नहीं है.

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