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एक बेहतरीन गायक के रूप में ऐश्वर्या राय बच्चन

ये बात तो आप सभी जानते हैं कि ऐश्वर्या राय बच्चन आखरी बार करण जोहर की फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' में नजर आईं थीं. अब आने वाली फिल्म फैनी खान की प्रोड्यूसर प्रेरणा खान ने ये पुष्टी कर दी है कि अनिल कपूर अभिनीत इस फिल्म में ऐश्वर्या, फैनी खान का किरदार निभाएंगी. फैनी खान, जो कि एक संघर्षरत गायक हैं और संगीत की दुनिया में अपनी बेटी को एक बड़ा नाम बनाना चाहती है.

हम आपको बता देना चाहते हैं कि इस फिल्म से अतुल मांजरेकर, फिल्म निर्देशन में अपना डेब्यू करने जा रहे हैं. फिल्म फैनी खान, साल 2000 में बनी डच फिल्म ‘एव्रीबडी इज फेमस (Everybody’s Famous)’ का हिन्दी वर्जन होगा.

फिलहाल तो अभिनेत्री अपने परिवार के साथ न्यूयॉर्क में छुट्टियां बिता रही हैं और वापस लौटते ही वे इस म्यूजिकल-ड्रामा फिल्म की तैयारियों में लग जाएंगी. खबरों के अनुसार इस फिल्म में ऐश्वर्या एक बिल्कुल नये अवतार में नजर आने वाली हैं.

कुछ समय पहले ऐश्वर्या राय के गायन में डेब्यू करने की खबरे भी आ रहीं थीं और ये अटकले लगाई जा रहीं थीं कि वे इस फिल्म में गाना भी गाने वाली हैं पर इस बात का पूरी तरह खंडन करते हुए, फिल्म प्रोडेयूसर प्रेरणा ने बता दिया कि अभी के लिए ऐश्वर्या केवल गायक का किरदार निभाएंगी.

अनिल कपूर इस फिल्म की शूटिंग अगस्त के पहले महीने से शुरु करने जा रहे हैं और उम्मीद है कि फिल्म की शूटिंग अक्टूबर के आखिर तक खत्म हो जाएगी. इस फिल्म से पहले अनिल कपूर और ऐश्वर्या को एक साथ स्क्रीन शेयर करते हुए साल 1999 में सुभाष घई की फिल्म 'ताल' और साल 2000 में सतीश कौशिक निर्मित फिल्म 'हमारा दिल आपके पास है', में देखा गया था.

ये हैं प्रो कबड्डी लीग के 5 जांबाज खिलाड़ी

प्रो कबड्डी लीग सीजन पांच 28 जुलाई से शुरु होन जा रहा है. इस लीग के दौरान कबड्डी के धुरंधर अपनी ताकत दूसरी टीम के खिलाड़ियों पर दिखाते हुए नजर आएंगे. पिछले सीजन की बात करें तो कई ऐसे खिलाड़ी देखने को मिले थे जिन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाड़ियों को अकेले ही संभाल लिया था.

आज हम आपको ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं जो कि अपने टेकनीक और काबिलियत के जरिए कबड्डी के मैदान पर काफी लंबे समय तक टिके रह सकते हैं.

धर्मराज चिरलाथन

42 वर्षीय धर्मराज चिरलाथन लीग के सबसे पुराने खिलाड़ी हैं. उनके टीमवाले उनको अन्ना कहकर बुलाते हैं. चिरलाथन बहुत ही शांत स्वभाव के हैं जो कि उनके खेल में भी दिखाई देता है. वह जिस तरह अपनी टीम के खिलाड़ियों से बात करते हैं उससे साफ दिखाई देता है कि वह अपने खेल के प्रति कितने समर्पित हैं. अगर आपने इन्हें कभी खेलते हुए देखा होगा तो आपको पता होगा कि चिरलाथन बेहतरीन डाइव कर कितनी आसानी से रेडर पर अपनी पकड़ बनाते हैं. चिरलाथन को इस सीजन में भी पुनेरी पलटन टीम के हिस्सा हैं.

फजल अतराछली

फजल अतराछली ईरान के कबड्डी प्लेयर हैं और इन्हें इस बार गुजरात की टीम ने खरीदा है. इससे पहले फजल पटना पाइरेट्स में थें. फजल एक बहुत ही बढ़िया डिफेंडर हैं. अगर एक बार सामने वाली टीम का रेडर एक कब्जे में आ जाता है तो उसका बचकर निकला काफी मुश्किल होता है. फजल हमेशा मेट पर लेफ्ट कॉर्नर संभालते हैं. जब कोई रेडर रेड करने के लिए आता है तो उन्हें रेडर पर अपनी पकड़ जमाने में कुछ ही सेकेंड लगते हैं. फजल अकेले ही रेडर को संभाल सकते हैं क्योंकि उनकी पकड़ काफी मजबूत है. इस बार गुजरात टीम में रहकर फजल अपना कैसा प्रदर्शन करके दिखाते हैं यह देखना बहुत ही दिलचस्प होगा.

राहुल चौधरी

तेलुगु टाइटन के कप्तान और सीजन चार के हाई रेड रिकॉर्ड रहे राहुल चौधरी को तो आप सभी जानते ही होंगे. राहुल बिजनौर के रहने वाले हैं और पिछले सीजन में इन्होंने 482 रेड प्वाइंट का रिकॉर्ड बनाया था. राहुल अबतक के सबसे कामयाब रेडर रहे हैं. राहुल ऐसे खिलाड़ी हैं जो कि अकेले एक पूरी टीम के बराबर हैं.

राहुल 2015 से तेलुगु टाइटन का हिस्सा हैं और इस बार भी इसी टीम का हिस्सा बने रहेंगे. राहुल राष्ट्रीय कबड्डी के सदस्य हैं और 2016 में हुए कबड्डी वर्ल्ड कप में उन्होंने भारत को जीत दिलवाई थी.

जीवा कुमार

36 वर्षीय जीवा को डिफेंड करते हुए देखना एक बेहतरीन अनुभव है. जीवा जिस तरह पिछले सीजन में अपना प्रदर्शन दिखाया उसे देखकर लगता है कि इस सीजन में भी वे अपना बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे. जीवा का कहना है कि वे जब भी घर पर रहते हैं तो हमेशा ऑर्गेनिक फूड लेना ही पसंद करते हैं. इस प्रकार का खाना खाने से उन्हें अंदरुनी शक्ति मिलती है जो कि उनके खेल पर भी दिखाई देती है. जीवा बहुत ही अच्छी डाइव मारकर रेडर को पकड़ लेते हैं. उनकी पकड़ इतनी मजबूत होती है कि रेडर उनके चंगुल से निकल पाने में कामयाब नहीं हो पाता है. इस सीजन में जीवा उत्तर प्रदेश की टीम का हिस्सा होंगे.

विशाल माणे

यूमुंबा में सभी को अपने खेल का कायल कर चुके विशाल माणे अब पटना पाइरेट्स के लिए खेलते हुए दिखाई देंगे. फैजल अतराछली की जगह पर पटना की टीम ने विशाल माणे को अपनी टीम में लेने का बहुत ही अच्छा निर्णय लिया है क्योंकि विशाल यूमुंबा के बेहतरीन डिफेंडर में से एक थे. माणे मैदान में आगे आकर रेडर को टेकल करने की सक्षमता रखते हैं. वे रेडर को पकड़ने से पहले यह नहीं सोचते कि अगर रेडर द्वारा वे आउट हो गए तो क्या होगा. वे बस एकदम सामने से आकर रेडर को दबोच लेते हैं.

भारत के विभाजन की कहानी दर्शाती फिल्म ‘पार्टिशन: 1947’

हुमा कुरैशी की आने वाली फिल्‍म 'पार्टिशन: 1947' का ट्रेलर रिलीज हो चुका है और अब तक चर्चाओं से दूर रही फिल्‍म के ट्रेलर ने काफी सुर्खियां बटोर ली हैं. फिल्‍म का यह ट्रेलर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. ढाई मिनट के ट्रेलर में भारत के आखिरी वायसरॉय, लॉर्ड माउंटबेटन के समय की कहानी दिखाई गई हैं, जिन्‍हें ब्रिटिश के गुलाम भारत को आजाद भारत में बदलना था. माउंटबेटन को कैसे भारत में हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच के टकराव को झेलना होता है और कैसे एक भारत को दो देशों में बांट दिया जाता है.

इस फिल्‍म में हुमा कुरैशी एक मुस्लिम महिला, आलिया का किरदार निभा रही हैं. वह एक ऐसे हिंदू शख्‍स से प्‍यार कर लेती हैं जो वायसरॉय के ऑफिस में काम करता है. बाद में इन दोनों को देश के विभाजन के चलते अलग होना पड़ता है.

'पार्टिशन: 1947' फिल्म विभाजन के दौरान वायसरॉय हाउस के भीतर होने वाली घटनाओं पर आ‍धारित फिल्‍म है. इस फिल्‍म का निर्देशन गुरिंदर चढ्ढा ने किया है. पहले यह फिल्‍म 'वायसरॉय हाउस' के नाम से रिलीज होने वाली थी. यह फिल्‍म दिवंगत भारतीय अभिनेता ओम पुरी की आखिरी फिल्‍मों में से एक है. इस फिल्‍म में ओम पुरी अ‍हम किरदार में नजर आने वाले हैं.

तीसरे वनडे में टीम इंडिया के नाम जुड़ेगा यह स्पेशल आंकड़ा

भारत और वेस्ट इंडीज के बीच पांच वनडे मैचों की सीरीज का तीसरा मैच आज यानी की 30 जून, 2017 को खेला जाएगा. इस मैच के साथ ही भारतीय टीम वनडे क्रिकेट में विदेशी जमीन पर 600 मैच खेलने वाली दूसरी टीम बन जाएगी. भारत से पहले सिर्फ पाकिस्तानी टीम यह मुकाम हासिल कर चुकी है.

भारत ने अभी तक कुल 914 मैच खेले हैं. जिनमें से 463 मैच में जीत तो 404 में हार मिली है. 40 मैच ऐसे हैं जिनका कोई नतीजा नहीं निकला.

घरेलू मैदान पर भारत ने कुल 315 वनडे मैच खेले हैं. इनमें से 183 में भारतीय टीम को जीत मिली है और 121 में हार. 2 मैच टाई रहे हैं और 9 का कोई नतीजा नहीं निकला.

अगर विदेशी जमीन पर खेले गए मैचों की बात करें तो भारत ने 599 में से 280 में जीत हासिल की है. 283 मैच में भारत हारा है और 5 मैच टाई रहे हैं. 31 मैचों का कोई परिणाम नहीं निकला है.

पाकिस्तानी क्रिकेट टीम ने विदेशी धरती पर कुल 700 मैच खेले हैं. पाकिस्तान ने इनमें से 354 मैच जीतें और 325 में हारे हैं. 7 मैच टाई रहे हैं और 14 का कोई नतीजा नहीं रहा.

इसके अलावा श्रीलंका ने 553 मैचों में 226 में जीत हासिल की है. वेस्ट इंडीज ने (519), ऑस्ट्रेलिया (473), न्यूजीलैंड ने (438) मैच विदेशी धरती पर खेले हैं. इंग्लैंड की टीम ने कुल 408 मैच अपनी जमीन के बाहर खेले हैं. इनमें से उसे 183 में जीत मिली है.

मैं 20 वर्षीय युवक हूं. मेरे अपनी चाची के साथ 2 वर्षों से शारीरिक संबंध हैं. क्या ये सब गलत है.

सवाल

मैं 20 वर्षीय युवक हूं. मेरे अपनी चाची के साथ 2 वर्षों से शारीरिक संबंध हैं और शारीरिक संबंधों के परिणामस्वरूप इस समय वे गर्भवती भी हैं. लेकिन इस अवस्था में भी वे मेरे साथ शारीरिक संबंध कायम रखना चाहती हैं. मैं मना करता हूं तो धमकी देती हैं कि वे हमारे संबंधों के बारे में पूरे परिवार को बता देंगी. मैं बहुत परेशान हूं औैर इस सब से निकलना चाहता हूं.

जवाब

पहले आप ने अपनी चाची के साथ शारीरिक संबंध बना कर बहुत बड़ी गलती की और चाची ने भी आप का फायदा उठाया. लेकिन अब जब स्थिति आप के नियंत्रण से बाहर हो गई है तो अब उस से निकलना चाहते हैं. माना कि इस सब में आप की चाची की भी गलती है लेकिन आप को उन का साथ नहीं देना चाहिए था. लेकिन अब पछताने से कुछ नहीं हो सकता.

वर्तमान स्थिति में अगर चाची आप को धमकी दे रही हैं परिवार वालों को सब सच बताने की तो इस में आप की बदनामी ज्यादा होगी हालांकि इस सब में उन की खुद की भी बदनामी होगी.

बहरहाल, इस चक्रव्यूह से निकलने के लिए आप को साफ शब्दों में चाची को शारीरिक संबंधों के लिए न कहना होगा, वरना आप की चाची आप को भविष्य में भी ब्लैकमेल करती रहेंगी.

 

अगर आप भी इस समस्या पर अपने सुझाव देना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करें और अपनी राय हमारे पाठकों तक पहुंचाएं.

अब आपका शहर तय करेगा आपकी सैलरी

क्या आपको इस बात की जानकारी है कि अब आपके शहर के हिसाब से आपकी सैलरी बढ़ेगी. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप किस कैटेगरी में आते हैं.

7वें वेतन आयोग के अनुसार देश के करीब 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी उनके शहर के हिसाब से बढ़ाई और तय की जाएगी. 7वें वेतन आयोग द्वारा देश के तमाम शहरों को, इस उद्देश्य के लिए तीन श्रेणियों, जिन्हें कथित तौर पर X, Y और Z नाम दिया गया है. में बांटा है.

एचआरए और महंगाई भत्ता

इस नए फैसले के मुताबिक एक्स, वाय और जेड श्रेणी के शहरों के लिए क्रमश: 24, 16 और 8 फीसदी एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) तय किया गया है.

एक्स श्रेणी के शहरों में कार्यरत कर्मचारियों को 5400, वाय श्रेणी के शहरों में कार्यरत कर्मचारियों को 3600 और जेड श्रेणी के शहरों में कार्यरत कर्मचारियों को 1800 रुपये से कम एचआरए नहीं मिलेगा.

इसका लाभ 7.5 लाख कर्मचारियों को हासिल होगा.

इसके अलावा महंगाई भत्ता दो चरणों में संशोधित होगा. महंगाई भत्ता 50 फीसदी से पार होने पर एक्स, वाय और जेड श्रेणी के शहरों में एचआरए क्रमश: 27, 18 और 9 फीसदी होगा. वहीं महंगाई भत्ता 100 फीसदी पार होने पर एचआरए क्रमश: 30, 20 और 10 फीसदी होगा. ये दरें तभी लागू होंगी जब महंगाई भत्ता क्रमश: 25 और 50 फीसदी की सीमा लांघ जाएगा.

इस तरह से शहरों के हिसाब से बढ़ेंगे भत्ते

उदाहरण के लिए आप नोएडा में हैं और आपकी बेसिक पे 18000 है तो आपको वाई श्रेणी के हिसाब से 16 फीसदी एचआरए और 18 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा.

तो आप भी जानिए किस श्रेणी में है आपका शहर…

एक्स कैटेगरी में आएंगे ये शहर

अभी तक की खबरों के मुताबिक अहमदाबाद , बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई पुणे इस श्रेणी में शामिल किए गए हैं.

वाय कैटेगरी में शामिल हैं ये शहर

आगरा, अजमेर, इलाहाबाद, अमरावती, अमृतसर, आसनसोल, औरंगाबाद, बरेली, बेलगांव, भावनगर, भिवंडी, भोपाल, भुबनेश्वर, बीकानेर, बोकारो, चंडीगढ़, कोयंबटूर, कटक, देहरादून, धनबाद, दुर्ग-भिलाई, दुर्गापुर, इरोड, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुलबर्गा, गुंटूर, गुड़गांव, गुवाहाटी, ग्वालियर, हुबली-धारवाड़, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जम्मू, जामनगर, जमशेदपुर, झांसी, जोधपुर, कानपुर, कन्नूर, काकीनाड़ा, कोच्ची, कोट्टायम, कोल्हापुर, कोल्लम, कोटा, कोझिकोड़, कुर्नूल, लखनऊ, लुधियाना, मदुरई, मलप्पुरम, मालेगांव, मैंगलोर, मेरठ, मुरादाबाद, मैसूर, नागपुर, नासिक, नल्लौर, नोएडा, पटना, पुदुच्चेरी, रायपुर, राजकोट, राजामुंद्री, रांची, राउरकेला, सालेम, सांगली, सिलिगुड़ी, सोलापुर, श्रीनगर, सूरत, तिरुअनंतपुरम, पलक्कड़, थ्रिसुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुप्पुर, उज्जैन, वड़ोदरा, वाराणसी, वसई-विरार सिटी, विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम, वारंगल.

अंतिम जेड कैटेगरी में देश के अन्य सभी शहरों को रखा गया है.

आओ मॉरगेज को समझें

मॉरगेज एक लोन होता है, जो बैंक या वित्तीय संस्थान आपकी संपत्ति को बंधक रखकर देती हैं. यहां बंधक रखने का मतलब यह नहीं है कि बैंक आपकी संपत्ति पर कब्जा कर ले. इसका आशय सिर्फ इतना है कि अगर आप नियत समय में लोन नहीं चुका पाते हैं तो बैंक के पास आपकी संपत्ति पर कब्जा करने का अधिकार होगा.

सरल शब्दों में कहें तो मॉरगेज एक ऐसा कर्ज है, जो आप अपनी संपत्ति को बंधक रखकर लेते हैं. आम तौर पर मॉरगेज का इस्तेमाल नया मकान खरीदने के लिए धनराशि जुटाने की खातिर किया जाता है. लेकिन इसका कई अन्य कार्यो, नया कारोबार शुरू करने या इसके विस्तार में, इलाज कराने, बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

अगर आप तय समय में लोन को नहीं चुका पाते हैं तो उधार देने वाला बंधक प्रॉपर्टी को कर्ज वसूली के लिए बेच सकता है. तय समय से आशय उस अवधि से है, जिसके भीतर आपको ईएमआइ के जरिये कर्ज वापस चुकाना है. निश्चित समय अंतराल पर जाने वाली इस किस्त में मूलधन व ब्याज दोनों का हिस्सा होता है. लोन को चुकाने की अवधि कई कारणों पर निर्भर करती है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण वह धनराशि है, जो आप घर खरीदने से पहले डाउन पेमेंट के तौर पर जमा करते हैं.

मॉरगेज के प्रकार

– पहला, फिक्स्ड ब्याज दर वाला लोन. इस मॉरगेज में ब्याज दरें नहीं बदलतीं.

– फ्लोटिंग यानी परिवर्तनीय ब्याज दर वाला मॉरगेज. इस तरह के लोन पर ब्याज दर घटती-बढ़ती रहती है. लेकिन यह बेस रेट से नीचे नहीं जाती है.

क्लोज्ड मॉरगेज

इसके तहत लोन लेने वाला व्यक्ति अगर समय से पहले लोन चुकाना चाहता है तो उसे इसका शुल्क देना पड़ेगा. इस तरह के शुल्क को बैंक व वित्तीय संस्थान तय करते हैं.

ओपन मॉरगेज

इस तरह के लोन में अगर आप समय से पहले लोन चुकाते हैं तो उस पर शुल्क नहीं देना पड़ता.

जरूरी दस्तावेज

– आइडी प्रूफ

– आयु का सबूत

– पते का सबूत

– पासपोर्ट साइज फोटो

– पिछले छह माह का बैंक स्टेटमेंट

किस तरह तय होती है ब्याज दरें

मॉरगेज के लिए ब्याज दर अलग-अलग मामलों में भिन्न होती है. शुरू में यह उधार लेने वाले व्यक्ति की इच्छा व उसके चुकाने की योग्यता पर निर्भर करती है. बैंक व वित्तीय संस्थान तीन तरीके से इसका पता लगाते हैं.

– ऋण इतिहास

– कार्य प्रोफाइल

– उधार लेने वाले की उम्र

मॉरगेज पाने का एक तरीका पॉलिसी बाजार जैसे पोर्टल पर जाकर अलग-अलग लोन की तुलना करना है. ऐसे पोर्टल से आपको जरूरत के हिसाब से मॉरगेज का पता चल जाएगा. आप जब इसकी ऑनलाइन तुलना करेंगे तो आप अपनी जरूरत के हिसाब से उनमें से एक चुन सकते हैं.

क्या हैं लाभ

कई लोगों को आश्चर्य होता है कि मॉरगेज अन्य तरह के लोन से किस तरह अलग है. यह निम्नलिखित कारणों से बेहतर है-

– मॉरगेज सुरक्षित लोन है. इसलिए उधार लेने वाला व्यक्ति अधिक लोन के लिए आग्रह कर सकता है.

– लोन चुकाने की अवधि 25 वर्ष होती है, जो अन्य तरह के लोन चुकाने की अवधि से अधिक है.

– मॉरगेज अन्य तरह के पर्सनल लोन से ब्याज दरों व प्रोसेसिंग फीस के मामले में सस्ता होता है.

– सुरक्षित लोन होने की वजह से मॉरगेज के लिए कम से कम दस्तावेजों की जरूरत होती है और उसकी मंजूरी जल्दी मिल जाती है.

क्या फेसबुक को पूरी तरह जानते हैं आप?

अगर आप इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं तो कुछ हद तक ये बात भी तय है कि आप फेसबुक का इस्तेमाल भी करते हों. मगर क्या आपको फेसबुक को पूरी तरह से इस्तेमाल करना आता है? फेसबुक पर बहुत सारे फीचर ऐसे हैं, जिनके बारे में ज्यादा लोगों को नहीं पता. पेश हैं कुछ ट्रिक्स, जिन्हें जानकर आप फेसबुक के उस्ताद हो जाएंगे.

इनमें से कितनी चीजों के बारे में आपको पता है…

सीक्रिट इनबॉक्स : एक और छिपा हुआ मैसेज बॉक्स

फेसबुक आपको वही मैसेज दिखाती है, जो आपके लिए महत्वपूर्ण हों. बाकी मैसेज को छिपा दिया जाता है. हममें से ज्यादातर लोग दो ही मैसेज बॉक्स के बारे में जानते हैं. एक तो सामान्य इनबॉक्स, दूसरा अदर (Other) वाला इनबॉक्स, जिसे अब मैसेज रिक्वेस्ट नाम दे दिया गया है.

इस मैसेज बॉक्स में उन लोगों के मैसेज होते हैं, जो आपकी फ्रेंडलिस्ट में नहीं हैं. यह तो अच्छा फीचर है कि गैरजरूरी लोगों के मैसेज आपको पता न चलें. मगर आपको हैरानी होगी कि फेसबुक और भी बहुत सारे मैसेज छिपा देती है.

फेसबुक वेबसाइट पर जाएं और मैसेज रिक्वेस्ट में जाएं. यहां पर आपको फिल्टर्ड मैसेज रिक्वेस्ट लिखा दिखेगा. इस पर क्लिक करें. यहां पर आपको वे मैसेज दिखेंगे, जिन्हें फेसबुक ने फिल्टर कर दिया है. वक्त-वक्त पर इस छिपे हुए मैसेज बॉक्स को भी चेक करते रहें.

की जा सकती है ऐल्बम डाउनलोड

पहले फेसबुक से फोटो ऐल्बम डाउनलोड करना बड़ा मुश्किल था, मगर अब यह बहुत आसान हो गया है. किसी भी ऐल्बम पर जाइए और कॉर्नर पर ड्रॉप-डाउन मेन्यू पर क्लिक कीजिए. यहीं से आपको ऐल्बम को अपनी हार्ड ड्राइव में सेव करने का ऑप्शन मिल जाएगा.

फालतू गेम रिक्वेस्ट करें ब्लॉक

बहुत सारे लोग गेम के रिक्वेस्ट भेजते रहते हैं, जिससे परेशानी हो जाती है. इससे मुक्ति पाने के दो ऑप्शन हैं –

1. ऐप सेटिंग्स में जाकर उस ऐप को ब्लॉक कर दें, जिसके नोटिफिकेशन नहीं चाहिए.

2. उस शख्स से आने वाले सारे ऐप रिक्वेस्ट ब्लॉक कर दें, जो आपको परेशान कर रहा हो.

आप ऐसी सेटिंग भी कर सकते हैं कि ऐप इनवाइट्स की नोटिफिकेशन ही न मिले.

लॉगइन करने पर नोटिफिकेशंस

अपने अकाउंट को इस फीचर से आप और ज्यादा सिक्यॉर कर सकते हैं. इसके लिए सेटिंग्स में जाएं, सिक्योरिटी पर क्लिक करें और यहां से 'लॉगइन करने पर नोटिफिकेशन वाले फीचर' को ऑन कर दें. ‘Get login alerts whenever someone logs in to your account’ को चुनने पर ब्राउजर, फोन या रजिस्टर्ड ईमेल अड्रेस पर लॉगइन के अलर्ट मिलने लगेंगे.

ऐल्बम शेयर की जा सकती है

फेसबुक पर ऐल्बम को शेयर भी किया जा सकता है. लोगों को पता नहीं है कि यह भी ऑप्शन है. ध्यान रहे कि इस ऐल्बम को आपके दोस्तों के अलावा तस्वीरों में टैग हुए दोस्तों के दोस्त भी देख पाएंगे.

अडवांस्ड चैट सेटिंग्स

क्या आप कुछ लोगों से फेसबुक पर चैट नहीं करना चाहते? आप ऐसी सेटिंग कर सकते हैं कि ऐसे लोगों को आप कभी ऑनलाइन नहीं दिखेंगे.

फेसबुक पर राइट हैंड साइड बॉटम में आपको मेसेंजर दिखेगा. यहीं पर Options से आप चुन सकते हैं कि कौन-कौन दोस्त आपसे चैट कर सकते हैं, कौन-कौन आपको ऑनलाइन देख सकते हैं.

कौन-कौन आपके लाइक्स देख सकता है

हम अक्सर नए पेज वगैरह लाइक करते रहते हैं. अगर आप चाहते हैं कि लोग यह न देख सकें कि आपने कौन से पेज लाइक किए हैं, तो नीचे दिए लिंक में योर नेम (Your Name) की जगह अपना फेसबुक URL नाम भरें.

इस पेज पर पेंसिल जैसे दिख रहे आइकॉन पर क्लिक करें और यह चुनें कि कौन से पेज को दिखाना है या नहीं.

फेसबुक प्रोफाइल को पेज में बदलें

कई बार ऐसा होता है कि आप कोई बिज़नस शुरू करते हैं तो उसके पेज के बजाय प्रोफाइल बना देते हैं. फेसबुक ऐसी प्रोफाइल्स को डिलीट कर रही है. इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी ऐसी फेसबुक प्रोफाइल को पेज में तब्दील कर दें. इससे आपके फ्रेंड्स उस पेज के पैन में बदल जाएंगे. इसके लिए आपको फेसबुक प्रोफाइल टू पेज माइग्रेशन प्रोसेस शुरू करना होगा.

मेसेंजर के जरिए ऊबर से कैब बुलाएं

फेसबुक मेसेंजर में कई सारे छिपे हुए ट्रिप्स हैं. जल्द ही यह आपके ज्यादातर ऐप्स के लिए प्राइमरी कनेक्शन बन सकता है. अभी आप इससे ऊबर कैब भी बुला सकते हैं. बस इसके लिए आपको शुरुआती सेटिंग्स करनी होंगी और इसे ऊबर अकाउंट से लिंक करना होगा. कैब बुलाने के लिए आपको कार के ऑइकॉन पर क्लिक करना होगा या फिर ऊबर बॉट को मैसेज करके कार की जरूरत के बारे में बताना होगा. बॉट आपको किराए और यात्रा में लगने वाले वक्त के बारे में बताएगा और कैब के आ जाने पर सूचित भी करेगा.

लेगसी कॉन्टैक्ट जोड़ें

अगर किसी यूजर की मौत हो जाए तो फेसबुक डेथ सर्टिफिकेट लेकर उस पेज या प्रोफाइल को ममॉरिअलाइज कर देती है यानी यादगार के रूप में सहेज लेती है. आप अभी से तय कर सकते हैं कि आपको कुछ हो जाने पर किसके पास यह अधिकार रहेगा कि वह फेसबुक को आपकी मृत्यु के बारे में सूचित करेगा. इसके लिए सेटिंग्स में सिक्यॉरिटी पर जाएं और अपने फेवरिट व्यक्ति को Legacy contact बना दें. अगर आप नहीं चाहते कि आपके निधन के बाद आपके अकाउंट को ममॉरिअलाइज किया जाए तो फेसबुक उसे डिलीट कर देगी.

फेसबुक पर ये गलतियां बंद करा सकती हैं अकाउंट

फेसबुक आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है. कंपनी की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक इस समय पूरी दुनिया में फेसबुक यूजर्स की संख्या 2 अरब से ज्यादा हैं. हम आए दिन फेसुबक पर पोस्ट करते हैं, कमेंट करते हैं, पोक करते हैं और तमाम ग्रुप ज्वाइन करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी एक गलती से आपका अकाउंट बंद या ब्लॉक हो सकता है. तो आपको फेसबुक पर क्या-क्या नहीं करना चाहिए?

पोक करना

आमतौर पर हम दोस्तों को अपनी याद दिलाने के लिए उन्हें पोक कर देते हैं लेकिन ज्यादा लोगों को पोक करने से आपका फेसबुक अकाउंट ब्लॉक भी हो सकता है.

ज्यादा ग्रुप ज्वाइन करना

फेसुबक पर आपका अकाउंट होगा तो आपने कोई-ना-कोई ग्रुप भी ज्वाइन किया होगा लेकिन आप शायद ही जानते होंगे कि 200 से ज्यादा फेसबुक ग्रुप से जुड़ने के बाद आपका अकाउंट हमेशा के लिए ब्लॉक या बंद हो सकता है.

विवादित कंटेंट

कई बार हम फेसबुक पर उल्टे-सीधे पोस्ट पर कमेंट कर देते हैं. कई लोग तो ऐसे पोस्ट को शेयर भी कर देते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करने पर आपका अकाउंट ब्लॉक हो सकता है. आपत्तिजनक कंटेंट शेयर और पोस्ट करने से बचें. गाली-गलौज करने से भी दूर रहें.

अवैध कंटेंट

किसी को अपमानित करने वाले कंटेंट फेसबुक पर पोस्ट ना करें. साथ ही ऐसे कंटेंट के साथ किसी ने आपको टैग किया है तो अपनी टाइमलाइन पर उसे ना आने दें.

एक ऐसा मैच जिसमें नहीं लगा एक भी चौका

क्रिकेट के बदलते प्रारूप में छक्के चौकों की बरसात होनी आम बात हो गई है. लेकिन आपको बताते चलें कि क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसा भी मैच रहा है जिसमें छक्का तो लगा लेकिन एक भी चौका नहीं जड़ा जा सका. आईए बताते हैं आपको पूरा वाक्या.

भारत में 1932 में क्रिकेट का जन्म हुआ था. लॉर्ड्स के मैदान पर भारत ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच (भारत बनाम इंग्लैंड) खेला था. टीम इंडिया की ओर से पहले टेस्ट में कप्तानी सीके नायडू ने की. नायडू की टीम का सामना डगलस जार्डिन की अगुआई वाली इंग्लैंड टीम से हुआ. यह वो दौर था जब टीम इंडिया की बल्लेबाजी खासी कमजोर थी. लेकिन इसके बावजूद टीम इंडिया पूरे दमखम के साथ मैदान पर उतरी.

इंग्लैंड के कप्तान डगलस ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने कै फैसला किया. इसी बीच भारतीय गेंदबाज मोहम्मद निसार ने इंग्लैंड को लगातार झटके दिए और उनके 19 रनों पर 3 विकेट गिरा दिए. ऐसी विपरीत परिस्थिति में फ्रेंक वॉली और डगसल जार्डिन ने पारी को संभाला और स्कोर को 100 के पार ले गए.

इंग्लैंड पहली पारी में 259 रन के स्कोर पर ऑलआउट हो गई. उनके कप्तान जार्डिन 79 रनों के साथ सर्वोच्च स्कोरर रहें. वहीं लेस एम्स ने 65 रन बनाए. भारत की ओर से मोहम्मद निसार ने 5 विकेट लिए. जो एक बड़ी उपलब्धि थी.

जवाब में पूरी भारतीय टीम 93 ओवरों में 189 रनों पर सिमट गई. भारत की ओर से कप्तान सीके नायडू ने सर्वाधिक 40, नाउमल जाउमल ने 33 और सैयद वजीर अली ने 31 रन बनाए. इस तरह से इंग्लैंड को पहली पारी के आधार पर 69 रनों की बढ़त मिल गई.

दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम ने 8 विकेट पर 275 रन बनाए और टीम इंडिया के आगे जीतने के लिए 346 रनों का लभ्य रख दिया. इस पारी में कप्तान जार्डिन ने 85 और एडी पेंटर ने 54 रन बनाए. वहीं भारत की ओर से मोहम्मद जहांगीर खान ने चार विकेट चटकाए.

दूसरी पारी में टीम इंडिया लड़खड़ा गई और 187 रनों पर ऑलआउट हो गई. भारत की ओर से अमर सिंह ने सर्वाधिक 51 रन बनाए. अमर सिंह भारत की ओर से पहले अर्धशतक लगाने वाले वाले बल्लेबाज भी बनें.

इस मैच में अमर सिंह ने एक छक्का लगाया था. अमर इसके साथ ही भारत की ओर से पहला छक्का मारने वाले बल्लेबाज भी बनें. इस मैच में सिर्फ दो छक्के लगे थे. वहीं चौके तो एक भी नहीं लगे थे. दूसरा छक्का इंग्लैंड के फ्रेडी ब्राउन ने लगाया था. अमर सिंह एक ऑलराउंडर थें जो 9वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आते थे. गौर करें कि यह टेस्ट मैच तीन दिन में ही खत्म हो गया था.

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