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सोने का कारोबार ठप होने से लाखों बेरोजगार

सरकार का एक सख्त कदम लाखों लोगों पर कहर बन कर गिरता है. शायद नीतिनिर्धारकों को मालूम नहीं होता कि जिस कदम को वे उठा रहे हैं उस की वजह से कुछ परिवारों का अस्तित्व गिर सकता है और उन के लिए भुखमरी की स्थिति पैदा हो जाएगी. इधर, सरकार ने चालू खाता घाटा कम करने के लिए सोने के आयात पर नकेल कसने की कवायद शुरू की, उधर सोने के कारोबारियों के यहां जीवन खपाने वाले लाखों लोगों के समक्ष रोजीरोटी का संकट पैदा हो गया है.

पिछले 3 माह में सोने के आयात में सरकारी फंदा कसने से सोने के जेवरात बनाने वाले कारीगरों और नक्काशों के समक्ष पेट भरने का संकट पैदा हो गया है. जून से अब तक 5 लाख लोगों के समक्ष रोजीरोटी का संकट पैदा हो गया है. काम नहीं होने के कारण कंपनियां कर्मचारियों की छुट्टी कर रही हैं. सोने के आयात को कम करने के लिए सरकार जो नीति अब बना रही है यदि उस पर पहले ध्यान दिया गया होता तो युवाओं में उस इंडस्ट्री में काम करने का आकर्षण नहीं बढ़ता और उन्हें इस पैमाने पर बेरोजगार नहीं होना पड़ता. इन ताजा बेरोजगारों में कई लोग उम्र के आखिरी पड़ाव पर हैं.

सस्ते स्मार्टफोन बनाने की सरकारी योजना

दुनियाभर के मोबाइल उपकरण बनाने वाली कंपनियों के लिए भारतीय बाजार सब से बड़ा आकर्षण है. यहां तेजी से मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ रही है. सस्ते उपकरणों का तो भारत उत्साहजनक बाजार है लेकिन महंगे फोन की मांग भी कम नहीं है. स्मार्टफोन की बिक्री इन दिनों तेजी से बढ़ी है.

स्मार्टफोन कंपनियों ने किस्तों में स्मार्टफोन की सुविधा उपलब्ध कराई है तब से उन की बिक्री और बढ़ी है. यहां सस्ते स्मार्टफोन की ज्यादा जरूरत है क्योंकि मोबाइल इंटरनैट का बाजार तेजी से उभर रहा है. फिलहाल कोई भारतीय कंपनी स्मार्टफोन नहीं बना रही है लेकिन सरकार के दूरसंचार विभाग की योजना देश में सस्ते स्मार्टफोन उपलब्ध कराने की है.

देश में करीब आधी आबादी यानी 65 करोड़ लोगों के पास मोबाइल हैं लेकिन स्मार्टफोन धारकों की संख्या सिर्फ 12 फीसदी है. संचार विभाग की कोशिश है कि वह ऐसा स्मार्टफोन विकसित करे जिस की कीमत 6 बाजार रुपए से कम हो और उस में महंगे स्मार्टफोन जैसी सारी सुविधाएं हों.

अब तक विभाग ने ऐसी योजना का खुलासा नहीं किया है कि वह सस्ती दर पर मोबाइल बनाने के लिए कंपनियों को कैसे उत्साहित करेगा लेकिन अगर विभाग ऐसा सोचता है तो उस की तारीफ की जानी चाहिए. हां, यह सुझाव जरूर रहेगा कि विभाग स्वयं उपकरण बनाने का जोखिम न ले क्योंकि उस की ऐसी हर कोशिश के नकारात्मक परिणाम होंगे.

सरकारी मोबाइल फोन सेवा एमटीएनएल का हाल देखिए. इस की सेवा को देखते हुए ही पोर्टेबिलिटी की सब से ज्यादा गाज इसी पर गिरी है. एमटीएनएल के दफ्तर में भी फोन मिलाएं तो सामने रखे मोबाइल फोन से आवाज आएगी, ‘उपभोक्ता अभी उपलब्ध नहीं है’ या ‘उपभोक्ता पहुंच से बाहर है.’ भला ऐसी सेवा वाली फोन सर्विस कैसे सफल होगी. हां, विभाग किसी कंपनी से कुछ रियायत पर मोबाइल फोन विकसित कराए तो फिर स्थिति बेहतर हो सकती है.

 

भारतीय डिजाइन की कारों की विदेशों में धूम

वाहनों खासकर कारों की बिक्री का भारतीय बाजार चमक पर है. विश्व में भारत वाहनों की बिक्री का छठा सब से बड़ा देश है. भोजन और वाहनों की खरीद पर खर्च करने के लिए भारतीय सब से अधिक उत्साहित नजर आते हैं. भारत के मोटर मार्केट में डिजाइन की जाने वाली कारों की विदेशों में धूम है. खासकर दक्षिण अफ्रीका और सिंगापुर में भारत में डिजाइन की गई कारें सब से ज्यादा बिकने वाली कारों में शामिल हैं.

हमारे यहां सब से लोकप्रिय कार मारुति की कई डिजाइनों की विदेशों में भारी मांग है. मारुति सुजुकी के एर्टिगा ब्रैंड की इंडोनेशिया में खासी मांग है. इस का डिजाइन भारत में तैयार किया गया है और इंडोनेशिया में इस का बाजार हिस्सा करीब 5 प्रतिशत है. यह वहां बिक्री के लिहाज से चौथे पायदान पर है. इसी तरह से भारत की फोर्ड इंडिया की फिगो की दक्षिण अफ्रीका में जबरदस्त मांग है और उस के मार्केट रैंक का स्तर 10 है. इसी बाजार में भारतीय डिजाइन वाली टोयटा की एक कार भी धूम मचा रही है.

हुंडई तथा निशान के कुछ मौडल भी विदेशों में खूब पसंद किए जा रहे हैं. स्वयं भारत में छोटी कारें लोकप्रिय हो रही हैं और कार निर्माताओं के लिए गांव नया बाजार बन कर उभर रहा है. छोटे शहरों में कारों की बिक्री खासी बढ़ी है. यहां तक कि पूर्वोत्तर के एक राज्य ने तो राज्य मुख्यालय के लिए नियम बनाए हैं कि अगर क्रेता के पास कार रखने की जगह नहीं है तो वह कार खरीदने का विचार न करे.

प्रशासन का कहना है कि लोग कार खरीद कर सड़क पर खड़ी कर देते हैं जिस से यातायात में?रुकावट की समस्या बढ़ रही है. इस का मतलब यही हुआ कि अगर घोड़ा खरीदना है तो घुड़साल भी अपनी ही होनी चाहिए. यह ठीक है लेकिन अगर इस तरह की व्यवस्था पूरे देश में लागू हुई तो कारों की बिक्री का बाजार धरातल पर चला जाएगा.

लगातार गिरावट के बाद शेयर बाजार में स्थिरता

शेयर बाजार में अगस्त की शुरुआत तक लगातार 8 दिन बाजार में गिरावट रही. 8 दिन बाद संसद के मानसून सत्र के पहले दिन संसद भले ही हंगामे की भेंट चढ़ गई लेकिन बौंबे स्टौक एक्सचेंज यानी बीएसई के कारोबार में हलचल बढ़ गई और लगातार 8 दिन तक गिरावट पर बंद हुआ शेयर सूचकांक 5 अगस्त को पहली बार गिरावट से उबरता हुआ 18 अंक की मजबूती पर आ कर टिका. हालांकि अगले ही दिन 450 अंक के रिकौर्ड स्तर पर गिर गया.

इस से पहले सूचकांक 29 जुलाई को 3 सप्ताह के निचले स्तर पर बंद हुआ था. उस की वजह पहले दिन रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की पूर्व समीक्षा की थी और बैंक का मुख्य ध्यान रुपए की स्थिति में सुधार करने पर था. रुपया पहले ही डौलर के मुकाबले रिकौर्ड स्तर तक गिर चुका है और सरकार का प्रयास अब रुपए की स्थिति में सुधार लाना है. ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं है.

आरबीआई गवर्नर सुब्बाराव सितंबर में रिटायर हो रहे हैं. उन की देखरेख में यह आखिरी मौद्रिक नीति बन रही है. कंपनियों के तिमाही परिणाम बेहतर रहे, विदेशी निवेश का डाटा भी अप्रैलमई में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर रहा, साथ ही प्रधानमंत्री ने विदेशी निवेश के प्रवाह को तेज करने के लिए लचीला रुख अपनाने के संकेत दिए, इस के बावजूद बाजार की प्रतिक्रिया नकारात्मक रही.

बहरहाल, रुपए का गिरना जारी है और 6 अगस्त को इस की वजह से सूचकांक 450 अंक गिर कर 27 जून के बाद सब से निचले स्तर पर पहुंच गया. जब रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम राजन की नियुक्ति की 6 अगस्त की घोषणा का बाजार ने अपने अंदाज में स्वागत किया है.

पूजा का गुस्सा

अपने जमाने की हौट ऐक्ट्रैस और अब निर्देशक पूजा भट्ट उस समय हौट हो गईं जब पुलिस वालों ने उन की फिल्म ‘बैड’ की शूटिंग में अड़ंगा डाला.  भट्ट कैंप की अगली फिल्म ‘बैड’ की शूटिंग उदयपुर में चल रही थी. फिल्म के कुछ सीन को कलैक्ट्रेट परिसर में फिल्माया जा रहा था, तभी इलाके के एसएसपी अपने औफिस में जाने के लिए वहां आए और यूनिट के लोगों द्वारा उन्हें अंदर आने से मना करने पर मामला बिगड़ गया. बात यहां तक बढ़ गई कि पूजा को बीच में आना पड़ा और उन्होंने उलटे पुलिस के ही खिलाफ कलैक्टर से शिकायत कर दी.

कविता के जलवे

सब टीवी चैनल के चर्चित धारावाहिक एफआईआर की सैक्सी सब इंस्पैक्टर चंद्रमुखी चौटाला (कविता कौशिक) अब फिल्मों में अपने हुस्न का जलवा दिखा रही हैं. फिल्म जंजीर के रीमेक में कविता एक आइटम नंबर कर रही हैं. वे ‘शकीला बानो हिट हो गई…’ गाने पर थिरक रही हैं. पिछले महीने बौक्स औफिस पर आई इस ‘जंजीर’ में संजय दत्त, राम चरन तेजा और प्रियंका चोपड़ा मुख्य भूमिकाओं में हैं कविता कौशिक सैक्सी इंस्पैक्टर के जलवे दिखाने के बाद ‘जंजीर’ में कितना गजब ढा रही हैं, यह फिल्म देखने से पता चलता है.

 

मुश्किल में जौन

बतौर निर्माता जौन अब्राहम की पहली फिल्म ‘विकी डोनर’ की ब्लौकबस्टर सफलता ने सब को चौंका दिया था. इस फिल्म की सफलता से उत्साहित हो कर जौन ने फिल्म ‘मद्रास कैफे’ बनाई लेकिन इस बार उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

गौरतलब है कि फिल्म को कुछ तमिल संगठनों ने बैन करने की मांग उठाई है. संगठनों के मुताबिक, यह फिल्म लिट्टे यानी लिबरेशन टाइगर्स औफ तमिल ईलम की गलत तसवीर पेश करती है, लिहाजा इस को प्रदर्शित न किया जाए. हालांकि जौन कह रहे हैं कि उन की फिल्म से किसी को ठेस नहीं पहुंचेगी.

 

यम्मी मम्मी करिश्मा

बीते जमाने की मशहूर अभिनेत्री करिश्मा कपूर आज भी उतनी ही युवा और ग्लैमरस दिखती हैं जितनी शादी से पहले दिखती थीं. खबर है कि ‘सरकाए लो खटिया’ गर्ल लोलो मम्मी बनने के अनुभवों को किताब के जरिए दुनियाभर की महिलाओं के साथ साझा करने जा रही हैं. महिलाओं के लिए गर्भावस्था के बाद के सुझावों से भरी उन की किताब ‘यम्मी मम्मी गाइड’ जल्द ही बाजार में आएगी. गौरतलब है कि इस किताब में करिश्मा महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान फिट रहने के तरीकों के अलावा खूबसूरती के नुस्खों से वाकिफ कराएंगी. वाह करिश्माजी, फिल्म न सही पर किताबों के जरिए जागरूक करने का यह अंदाज अच्छा है.

 

बैड गर्ल कंगना

हाल ही में रिलीज हुए फिल्म ‘कृष 3’ के ट्रेलर में ऋतिक रोशन के अलावा दर्शकों का सब से ज्यादा ध्यान कंगना राणावत ने खींचा. हौलीवुड फिल्मों की कैट वुमन सरीखा लुक और हैरतअंगेज स्टंट देख कर हर कोई कंगना के अभिनय की तारीफ कर रहा है. पहली बार विलेन की भूमिका निभा रही कंगना को इस फिल्म में विवेक ओबराय की बैड कंपनी मिली है. बहरहाल, ट्रेलर से मिली तारीफ कंगना को फिल्म की रिलीज तक सुर्खियों में तो रखेगी ही.

 

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